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अखिलेश यादव ने अपनाया, गांधी जी की अहिंसा का सूत्र -सपा

लखनऊ , समाजवादी पार्टी  ने अाज तंज कसा कि अपने दायित्वों के निर्वहन की बजाय उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी  सरकार के मंत्रियों को बात बात में पूववर्ती अखिलेश यादव सरकार की खामियां ढूढने की बुरी आदत पड गयी है। जबकि अखिलेश यादव ने गांधी जी की अहिंसा का सूत्र अपनाया।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने  कहा कि भाजपा सरकार और इसके मंत्रियों को अपने दायित्वों के निर्वहन से ज्यादा बड़ी चिंता सांपो की है। जनेश्वर मिश्र पार्क में रोजाना हजारों लोग योग और व्यायाम करने आते हैं। इनमें बड़ी संख्या में बूढ़े,बच्चे और महिलाएं होती है। इनको सर्पदंश से बचाने के लिए अखिलेश सरकार ने संपेरो को लगाया गया था। इसकी सराहना के बजाय उसके खर्च पर हायतौबा मचाई जा रही है।

चौधरी ने कहा कि अच्छा होता भाजपा सरकार के मंत्री गुजरात में साबरमती आश्रम  की स्थापना के समय का इतिहास जान लेते। एक सदी पूर्व 1917 में गांधी जी ने इस आश्रम को अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे पर बनाया था। उस समय वहां बड़ी संख्या में सांप निकलते थे। गांधी जी का स्पष्ट निर्देश था सांपो को मारें नहीं, पकड़कर दूर छोड़ दे।

एक सदी बाद अखिलेश यादव ने जब लखनऊ में लगभग 400 एकड़ क्षेत्रफल में जनेश्वर मिश्र पार्क जो विश्व प्रसिद्ध लंदन के हाईड पार्क से भी बड़ा बनवाया तो वहां भी उन्होंने गांधी जी का अहिंसा का सूत्र अपनाते हुए सांपो को पकड़कर दूर छोड़ने को ही कहा। भाजपा को गांधी जी से ही चिढ़ रही है।  अखिलेश यादव के शानदार विकास कार्यों को स्वीकार करना भी उन्हें गंवारा नहीं।

उन्होने कहा कि भाजपा सरकार को अनर्गल बयानबाजी करने के बजाय अखिलेश सरकार के समय के अपराध के आंकड़ों का अध्ययन कर लेना चाहिए। नेशनल क्राइम ब्यूरो रिकार्ड की रिपोर्ट के अनुसार अखिलेश सरकार के समय कानून व्यवस्था 18 राज्यों से बेहतर थी। आज के भाजपा राज में हर स्तर पर अपराधों का ग्राफ बढ़ा हुआ है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। नौजवान रोजगार के लिए भटक रहे हैं।

चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार को राज्य के बिगड़ते हालात, जनता के बीच बढ़ती असुरक्षा की भावना की फिक्र नहीं है। पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार के कामों में मीनमेख निकालने, जांच की कहानी गढ़ने और दुष्प्रचार करने में उसकी शक्ति, श्रम और समय लग रहा है। यह जनादेश के साथ धोखा है।