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अल्पसंख्यकों के लिये खुलेगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहला शैक्षणिक संस्थान

अलवर, अल्पसंख्यकों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के पांच शैक्षणिक संस्थान खोलने की केंद्र सरकार की योजना के तहत पहला संस्थान राजस्थान के अलवर में खोला जाएगा. यह जानकारी अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दी.अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि, ‘‘अल्पसंख्यकों के लिये विश्व स्तरीय शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने की श्रृंखला में राजस्थान के अलवर में पहले संस्थान के लिये 100 एकड़ जमीन मिल गई है।

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 उन्होंने बताया कि इसके अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर में गुवाहाटी में अंतरराष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने के लिये भूमि चिन्हित करने का कार्य चल रहा है। नकवी ने कहा, ‘‘यह वृहद योजना है क्योंकि इसके तहत संस्थाओं में शोध केंद्र, प्रयोगशाला, पुस्तकालय समेत खेलकूद जैसी सुविधाएं तैयार की जायेंगी।’’

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 अल्पसंख्यकों के लिये अंतरराष्ट्रीय स्तर के पांच शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना के लिये वर्ष 2016 में परिकल्पना तैयार की गयी थी और इसके लिये अफजल अमानुल्लाह के नेतृत्व में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी है। मार्च 2017 के बाद इस महत्वाकांक्षी योजना पर अमल की प्रक्रिया शुरू हुई।  मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तरप्रदेश के ग्रेटर नोएडा में अल्पसंख्यकों के लिये ‘‘स्किल डेवलपमेंट हब’’ तैयार करने के लिये कार्य चल रहा है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का कहना है कि यह वृदह योजना है और ऐसे एक संस्थान के लिये 50 से 100 एकड़ जमीन की जरूरत होगी।

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 अल्पसंख्यकों के लिये अंतरराष्ट्रीय स्तर के पांच शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने की पहल के तहत तकनीकी, मेडिकल, आयुर्वेद, यूनानी सहित विश्वस्तरीय कौशल विकास की शिक्षा देने वाले संस्थान स्थापित किये जायेंगे। इन शिक्षण संस्थानों में 40 प्रतिशत आरक्षण लड़कियों के लिए किये जाने का प्रस्ताव है। नकवी ने बताया कि मंत्रालय अल्पसंख्यक समुदायों के पिछड़े, कमजोर और गरीब वर्ग के विद्यार्थियों के लिये नवोदय विद्यालय की तर्ज पर 100 से अधिक स्कूल खोलने जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इस वर्ष के अंत तक इनमें से 32 स्कूल काम करना शुरू कर देंगे। इनमें बालिकाओं को तवज्जो दी जायेगी।’’ इस सन्दर्भ में 10 जनवरी 2017 को गठित एक उच्च स्तरीय कमेटी ने इन शिक्षण संस्थानों की रुपरेखा व जगह आदि के बारे में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है।

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 नकवी ने कहा कि यह चिंता की बात है कि अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लिमों में साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत दर से बहुत नीचे है। सरकार इसे दूर करने के लिए शैक्षिक सशक्तिकरण का मजबूत अभियान चला रही है। मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यकों में और खासकर मुस्लिम समुदाय की लड़कियों का स्कूल ड्रॉप आउट रेट 72 फीसद से ज्यादा होना चिंता का विषय है। इसे ध्यान में रखते हुए अल्पसंख्यक मंत्रालय ने अल्पसंख्यकों, खासकर लड़कियों के शैक्षिक सशक्तिकरण पर जोर दिया है।