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दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पर्ल हार्बर पर जापानी हमले के नए रंगीन फोटो जारी

लंदन, दूसरे विश्व युद्घ के दौरान साल 1941 में अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर्ल हार्बर पर जापान ने हमला किया था। द्वितीय विश्व युद्घ में अमेरिकी जमीन पर यह पहला हमला था। जापान के इस हमले में 2400 से ज्यादा अमेरिकी जवान मारे गए थे और 19 जहाज नष्ट हो गए थे, जिसमें आठ जंगी जहाज थे। इसके अलावा 328 अमेरिकी विमान या तो क्षतिग्रस्त हो गए या फिर पूरी तरह से नष्ट हो गए थे। ब्रिटिश इलेक्ट्रिशियन रॉस्टन लियोनार्ड ने ये फोटो जारी किए हैं।

फोटो बताते हैं कि हमले से अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर व्यापक तबाही हुई थी। बाद में इस हमले का बदला अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला कर किया था। जापान ने एक घंटे और 15 मिनट तक बमबारी की थी इस हमले में सौ से ज्यादा जापानी सैनिक भी मारे गए थे। इसके बाद अमेरिका सीधे तौर पर दूसरे विश्व युद्घ में शामिल हो गया था और मित्र राष्ट्रों की ओर से मोर्चा संभाल लिया था। मित्र राष्ट्रों में ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस, सोवियत संघ और चीन शामिल था।

अमेरिका के लिए यह चौंकाने वाला हमला था क्योंकि वह जापान के साथ बातचीत की प्रक्रिया में था। मित्र राष्ट्र का मुकाबला धुरी राष्ट्र से था जिसमें जर्मनी, इटली और जापान थे। अमेरिका का परमाणु हमला 1945 में अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर जब परमाणु बम गिराए तब इसे पर्ल हार्बर का बदला माना गया था। हिरोशिमा में 1,40,000 लोग मारे गए। नागासाकी में 75 हजार लोग मारे गए। दोनों शहरों पर हमले में लाखों लोग घायल व अपंग हुए। बाद में इनकी पीढ़ियों पर भी हमलों का असर रहा। इसलिए जापान था नाराज अमेरिका ने चीन में जापान के बढ़ते हस्तक्षेप के बाद जापान पर कुछ प्रतिबंध लगा दिए थे।

अमेरिकी प्रतिबंधों और चीन को मित्र सेना की मदद से नाराजय हो कर ही जापान ने अमरीका के खिलाफ युद्घ का ऐलान कर दिया था। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने भी जापान के खिलाफ लड़ाई की घोषणा कर दी। पर्ल हार्बर की तबाही -जापान ने अमेरिका के हवाई पर सुबह 7.55 पर पर्ल हार्बर नौसैनिक अड्डे पर हमला बोला था। जापान का निशाना अमेरिका के ईधन टैंक थे। अमेरिका के राडार को हमले का अंदेशा हो चुका था लेकिन अमेरिका हमलावर विमानों को पहचान नहीं सका। पर्ल हार्बर पर हमला इसलिए हुए कि जापान को लगता था यहां बड़ी संख्या में विमान वाहक जहाज होंगे हालांकि ऐसा नहीं था। इस घटना के बाद ही अमेरिका ने जापान पर परमाणु बमों से हमला किया था।