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बड़े घोटाले की सीबीआई जांच कराने के लिये, बीजेपी के केंद्रीय मंत्री से जूझता मुख्यमंत्री

नई दिल्ली, 300 करोड़ के कथित घोटाले की सीबीआई जांच कराने के लिये, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बीजेपी के ही सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से जूझना पड़ रहा है.त्रिवेंद्र सिंह रावत  उत्तराखंड मे नेशनल हाईवे 74  के निर्माण मे 300 करोड़ के कथित घोटाले के मामले  की सीबीआई जांच कराना चाहतें हैं, लेकिन नितिन गडकरी को यह पसंद नही है.

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हरीश रावत के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उधमसिंह नगर जिले में एनएच-74 के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण में बांटी गई मुआवजा राशि में 300 करोड़ रुपये का कथित घोटाला हुआ था. इस साल मार्च में, उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनते ही रावत ने कुमाऊं के आयुक्त की जांच रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए तीन उपजिलाधिकारियों समेत कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया. इस मामले में एक एफआईआर भी दर्ज है.

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त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले में केंद्र से सीबीआई जांच कराने की मांग की. लेकिन नितिन गडकरी चाहते हैं कि इस घोटाले की जांच न हो. उन्होंने त्रिवेंद्र रावत को एक चिट्ठी लिखकर कहा है कि ऐसी जांच से अफ़सरों का मनोबल टूटेगा. उन्होंने ये भी लिखा है कि अगर सीबीआई जांच होती है तो ऐसे हालात में उत्तराखंड में नेशनल हाईवे से जुड़े कोई और प्रस्ताव लाने से पहले केंद्र सरकार को पुनर्विचार करना होगा.

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इस मामले मे,  उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा, ‘केंद्रीय मंत्री द्वारा एनएच-74 घोटाले की सीबीआई जांच पर पुनर्विचार किए जाने के बारे में उत्तराखंड सरकार को भेजे गए पत्र से साफ है कि बीजेपी सरकार इसमें लिप्त नेताओं और अधिकारियों को बचाने का काम कर रही है.’ उन्होंने कहा कि इससे कांग्रेस द्वारा लगाए गए ये आरोप भी सही साबित हुए हैं कि सरकार इस मामले में ‘बड़ी मछलियों’ को बचाना चाहती है.भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टालरेंस’ का बीजेपी सरकार का नारा सिर्फ एक शिगूफा है.

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 बीजेपी ने पहले एनएच-घोटाले के नाम पर कांग्रेस सरकार को घेरा और सत्ता में आने के बाद सीबीआई जांच का शिगूफा छेड़कर फिर जनता को गुमराह कर रही है. यह वास्तव दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक तरफ राज्य सरकार का मुख्यमंत्री सीबीआई जांच की सिफारिश कर रहा है और दूसरी तरफ बीजेपी के केंद्रीय मंत्री किसी भी तरह से सीबीआई जांच न होने देने का प्रयास कर रहे हैं  और राज्य सरकार को धमका रहें हैं.