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भारतीय मूल के सर्जन जनरल से, ट्रंप प्रशासन ने मांगा इस्तीफा

वाशिंगटन,  ओबामा प्रशासन के द्वारा सर्जन जनरल पर नियुक्त किए गए भारतीय मूल के विवेक मूर्ति से ट्रंप प्रशासन ने इस्तीफे की मांग की है। ट्रंप प्रशासन द्वारा अमेरिका के शीर्ष पद से हटाए जाने वाले मूर्ति दूसरे भारतीय मूल के शख्स हैं। इनसे पहले यूएस अटार्नी प्रीत भरारा थे जिन्हें इस्तीफा देने से इंकार करने पर बर्खास्त कर दिया गया था। अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग ने बताया, यूएस पब्लिक हेल्थ सर्विस कमिशन के नेता मूर्ति को नये ट्रंप प्रशासन में बदलाव के तहत सर्जन जनरल के पद से इस्तीफा देने को कहा गया।

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सर्जन जनरल के तौर पर कार्यरत 39 वर्षीय मूर्ति पहले भारतीय मूल के नागरिक थे जिन्हें यह सम्मान (पद) ओबामा प्रशासन ने दिया था। मूर्ति ने कहा, गरीब भारतीय किसान के पोते को राष्ट्रपति ने पूरे देश का स्वास्थ्य देखने की जिम्मेदारी सौंपी जो काफी सम्मानजनक बात थी। देश का मैं सदा आभारी रहूंगा कि जहां 40 साल पहले आए प्रवासी को इतने सम्मान के साथ अपनाया गया। मूर्ति की जगह रियर एडमिरल सिल्विया ट्रेंट-एडम्स को लिया गया है जो अभी डिप्टी सर्जन जनरल हैं।

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स्वास्थ्य व मानव सेवा के सचिव टॉम प्राइस ने मूर्ति को इतने साल तक देश को अपनी सेवा देने के लिए धन्यवाद दिया। मूर्ति ने अमेरिका को धन्यवाद करते हुए कहा, मेरे सहयोगी रियर एडमिरल सिल्विया ट्रेंट-एडम्स ने सर्जन जनरल का पद लिया है और वे इस कार्य में सक्षम हैं। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा, इतने वर्षों तक आपके सर्जन जनरल के तौर पर काम करते हुए मैं सम्मानित रहा। आने वाले वर्षों में भी नए तरीकों से आपके साथ काम करने की उम्मीद करता हूं।

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उन्होंने आगे कहा, हालांकि मैंने देश के लिए काफी कुछ उम्मीद किया था ताकि देश को बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों से निबटने में मदद मिले। मुझे जो सेवा का मौका मिला मैं उसके लिए हमेशा आभारी रहूंगा। पारंपरिक तौर पर सर्जन जनरल की भूमिका दूसरों के साथ सीख बांटने के लिए है लेकिन टाउन हॉल्स् व लिविंग रूम्स में आपकी कहानियां सुनने के बाद मैंने काफी कुछ सीखा। अलास्का के सूदूर मछली पकड़ने वाले गांवों में, अलबामा के चर्च में, ओकलोहामा के अमेरिकी भारतीय आरक्षण, वर्जिनिया के स्कूल व अन्य कई स्थानों पर मैंने अपने साथी अमेरिकियों के जीवन जीने के धीरज को देखा।

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मूर्ति के नाम को दिसंबर 2014 में 43 के मुकाबले 51 मतों से मंजूरी मिली थी और इन्हें सर्जन जनरल के पद पर चार वर्षों के लिए नियुक्त किया गया। 37 की उम्र में इस पद पर नियुक्त होने वाले मूर्ति अब तक के सबसे युवा सर्जन जनरल रहे। मूल रूप से मूर्ति के माता-पिता कर्नाटक के हैं।

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उनका जन्म इंग्लैंड के हडर्सफील्ड में हुआ और जब वे तीन साल के थे तब उनका परिवार फ्लोरिडा आ गया। उन्होंने येल स्कूल ऑफ मेडिसीन से एमडी किया और येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से हेल्थ केयर मैनेजमेंट में एमबीए किया। फिलहाल वे बोस्टन के ब्रिगहाम एंड वूमंस हॉस्पिटल में फिजिशियन के तौर पर कार्यरत हैं।