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मंदिर हटाने के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिये निर्देश

मथुरा , नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल  ने गिरिराज पर्वत के ऊपर बने हुए मंदिरों को हटाने का निर्देश दिया है तथा अगली सुनवाई के लिए एक नवम्बर की तिथि निर्धारित की है। अदालत ने पर्वत के ऊपर बने मंदिर में मौजूद शिलाओं को पर्वत से हटा कर बाईज्जत दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने का भी निर्देश दिया है।

गिरिराज परिक्रमा संरक्षण समिति की याचिका पर सुनवाई करते हुए आज एन जी टी ने राजस्थान सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा की अब तक उसनेे श्राइन बोर्ड व अन्य 17 बिंदुओं पर कार्रवाई क्यों नही की और यदि की है तो क्या कार्य किया है। एनजीटी ने इसकी जानकारी कोर्ट को उपलब्ध कराने का आदेश दिया तथा नाथद्वारा की तर्ज पर गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में स्थित पूंछरी के लौटा पर कार्य करने का निर्देश दिया है और इसके लिए राजस्थान सरकार के देवस्थान विभाग के कमिश्नर को कोर्ट ने अगली तारीख कोे तलब किया है।

बाबा आनंद गोपाल दास और सत्यप्रकाश मंगल की याचिका पर सुनवाई करते हुऐ याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गोवर्धन परिक्रमा मार्ग का अब वन विभाग द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया है । इस पर बने 33 बड़े अतिक्रमणों की सूची बनाई गई है, जिनको बहुत जल्दी ध्वस्त कर दिया जायेगा।

चतुर्वेदी ने बताया कि संत गया प्रसाद समाधि स्थल पर हुए निर्माण के ध्वस्तीकरण के खिलाफ दाखिल प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुऐ एनजीटी ने गिरिराज पर्वत पर बने सभी छोटे या बड़े मंदिरों से बाइज्जत मूर्तियों व शिलाओं को पर्वत से अलग स्थानांतरित करने को कहा है और कहा है कि गिरिराज पर्वत पर बने हुए ऐसे मंदिर जो अतिक्रमण की श्रेणी में हैं उनको तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाये।

उन्होंने मंदिरों और समाधियों को तोड़ने के आदेश को स्पष्ट करते हुए बताया कि एनजीटी ने प्राचीन मंदिरों और समाधियों को न तोड़ने का आदेश दिया है साथ ही यह भी कहा है कि मंदिर और समाधियों की आड़ में जो गेस्ट हाउस या कमरे बनाए गए हैं उन्हें तोड़ा जाएगा।