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मून जाए-इन दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति चुने गये

सोल,  वामपंथी झुकाव वाले पूर्व मानवाधिकार वकील मून जाए-इन ने चुनाव में जबरदस्त मतों से जीत हासिल करने के बाद दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के रूप में आज कार्यकाल आरंभ किया। देश की पूर्ववर्ती राष्ट्रपति पार्क गेउन हाई को भ्रष्टाचार घोटाले में फंसने के बाद पद से हटा दिया गया था जिसके बाद ये चुनाव हुए थे। पार्क गेउन हाई के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण महाभियोग चलाए जाने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था जिसके बाद यह चुनाव कराया गया था।

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यह चुनाव परमाणु सम्पन्न उत्तर कोरिया के साथ बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में हुआ है। पार्क पर रिश्वत लेने एवं शक्ति के दुरुपयोग के आरोप लगाए गए थे और इस विवाद से नाराज मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इसके अलावा मतदाता बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था की धीमी विकास दर से भी हताश थे। डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार मून उत्तर कोरिया के साथ संवाद का समर्थन करते हैं। राष्ट्रीय चुनाव आयोग के अनुसार डेमोक्रेटिक पार्टी के मून को 41.1 प्रतिशत मत मिले। मून ने अंतिम परिणाम के बाद एकजुटता का संकल्प लिया था। मून के अनुदारवादी प्रतिद्वंद्वी होंग जून-प्यो को महज 24.03 प्रतिशत मत मिले जबकि मध्यमार्गी आह्न चेओल-सू को 21.4 प्रतिशत मत मिले। होंग ने मून को ‘उत्तर कोरिया समर्थक वामपंथी’ कहा था।

योनहाप संवाद समिति ने बताया कि पिछले 20 वर्षों में सर्वाधिक मतदाताओं ने मतदान दिया। एजेंसी ने कहा कि मून के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने के लिए दोपहर में नेशनल असेम्बली में समारोह होने की संभावना है। मून ने सोल के ग्वानग्वामुन चौक में समर्थकों की भीड़ के बीच कहा कि परिणाम ‘उन महान लोगों की महान जीत है जो ‘एक ऐसा न्यायप्रिय देश’ बनाना चाहते हैं.. जहां ‘नियम एवं व्यावहारिक ज्ञान का अनुसरण हो।’

ग्वानग्वामुन चौक ही वह जगह है जहां पार्क को हटाए जाने की मांग को लेकर कई महीनों तक प्रदर्शन के लिए भारी भीड़ एकत्र हुई थी। भ्रष्टाचार के मामले के कारण देश राजनीतिक उथल पुथल और कटु विभाजन झेल रहा था। मून ने सोल में कहा, ‘मैं सभी दक्षिण कोरियाई नागरिकों का राष्ट्रपति रहूंगा।’ इस बीच, अमेरिका ने इस शानदार जीत पर मून को बधाई दी। अमेरिका सोल का सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी है और दक्षिण कोरिया में बड़े पैमाने पर उसकी सुरक्षा मौजूदगी है।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने एक बयान में मून को जीत के लिए मुबारकबाद दी। स्पाइसर ने कहा, ‘हम राष्ट्रपति चुने जाने पर मून जाए-इन को बधाई देते हैं और सत्ता के शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक हस्तांतरण का जश्न मनाने में दक्षिण कोरिया के लोगों के साथ हैं। हम नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मून के साथ मिलकर काम करना चाहता है ताकि अमेरिका और कोरिया गणराज्य के बीच गठबंधन मजबूत हो और दोनों देशों के बीच साझेदारी एवं मित्रता और गहरी हो।’

उल्लेखनीय है कि मून की जीत से उत्तर कोरिया के प्रति अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कठोर रूख को जटिलता का सामना करना पड़ सकता है। जापान ने भी मून को बधाई दी। क्षेत्र एवं जापान की युद्धकाल की यौन दासता समेत विभिन्न मामलों को लेकर तोक्यो के दक्षिण कोरिया के साथ संबंध तनावपूर्ण हैं। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि वह नए नेता के साथ मुलाकात करना चाहते है।

उन्होंने कहा, ‘जापान और दक्षिण कोरिया उत्तर कोरियाई मामलों पर प्रक्रियाओं समेत पूर्वी एशिया में समान चुनौतियों का सामना कर रहे है। मुझे लगता है कि दोनों देश एक साथ काम करके क्षेत्र की शांति एवं समृद्धि में और योगदान दे सकते हैं।’ इस बीच सरकारी मीडिया के अनुसार चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भी मून को उनकी जीत पर बधाई दी।