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यूपी मे बना नया गठबंधन, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी और पीस पार्टी ने मिलाया हाथ

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव की अगुवाई वाली प्रगतिशील समाजवादी पार्टी—लोहिया (प्रसपा) और पीस पार्टी ने मंगलवार को आगामी लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने का एलान किया है।

प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव और पीस पार्टी के अध्यक्ष अयूब अंसारी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन की घोषणा की।

शिवपाल ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए वह सभी धर्मनिरपेक्ष दलों से गठबंधन करने को तैयार थे लेकिन कई पार्टियों ने निजी स्वार्थ को वरीयता दी।

उन्होंने आरोप लगाया कि आज के दौर में भाजपा हमारे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि सपा, बसपा और कांग्रेस के निजी स्वार्थ की वजह से आज भाजपा के खिलाफ निर्णायक मोर्चा नहीं बन सका। आज जब विपक्ष को संसद से लेकर सड़क तक आम आदमी की आवाज़ बुलंद करने की जरूरत है, इन पार्टियों के नेता ड्राइंग रूम में बैठकर धर्मनिरपेक्ष शक्तियों के खिलाफ ही षड्यंत्र रच रही हैं।

प्रदेश के पूर्व लोकनिर्माण मंत्री ने कहा कि उन्होंने पिछले लोकसभा में भी एक बड़ा गठबंधन बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उस वक्त भी कुछ लोगों के स्वार्थ की वजह से यह संभव नहीं हो सका था। इस लोकसभा में भी प्रसपा ने सपा, बसपा से खुद को गठबंधन में शामिल करने का आग्रह किया लेकिन स्वार्थ के कारण ऐसा नहीं हो सका।

उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा भाजपा सरकार अब तक की सबसे निकम्मी सरकार है, इस सरकार ने युवाओं, महिलाओं, किसानों, मजदूरों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों को ठगने का काम किया है। वर्तमान भाजपा सरकार की नीतियों एवं आर्थिक कुप्रबंधन के कारण देश की अर्थव्यवस्था कर्ज में कराह रही है।

इसी दौरान प्रसपा प्रमुख ने बताया कि अपना दल (कृष्णा पटेल) ने भी लोकसभा चुनाव में उनके गठबंधन का समर्थन करने का एलान किया है।

संवाददाता सम्मेलन के दौरान पीस पार्टी प्रमुख अयूब अंसारी ने कहा कि अगर भाजपा को उखाड़ फेंकना है तो सभी धर्मनिरपेक्ष दलों का एक मंच पर आना जरुरी है। मौजूदा सरकार ने देश की जो दुर्गति की है उसे बयान नहीं किया जा सकता।