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रोहिंग्या युवतियों को लेकर बड़ा खुलास, मानव तस्करी का जोखिम

संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र प्रवास एजेंसी ने खुलासा किया है बंगलादेश में शरणार्थी शिविरों में रह रही राेहिंग्या युवतियों को मानव तस्करी का जोखिम सबसे अधिक है और मानव तस्कराें की तेज नजर इन पर रहती हैं।

एजेंसी ने बताया कि गरीब परिवारों के लाेग अपनी लड़कियों को काम करने के लिए बाहर भेजने को मजबूर हैं और मानव तस्कर इसी बात का सबसे अधिक फायदा उठाते हैं। ऐसी युवतियां उनके जाल में आसानी से फंस जाती हैं। यहां के मछली बाजार में काम कर रही एक राेहिंग्या महिला ने बताया कि शिविरोें के भीतर महिलाओं के लिए काम के अवसर बहुत ही सीमित हैं और ऐसे में उन्हें बाहर ही आना पड़ता है। कॉक्स बाजार क्षेत्र में दो तिहाई महिलाएं को बंधुआ मजदूर बनने का लालच दिया जाता है अौर लगभग 10 प्रतिशत शारीरिक उत्पीड़न का शिकार होती हैं।

प्रवास एजेंसी के मानव तस्कर विरोधी स्टाफ ने लगभग 100 राेहिंग्या लोगों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया है अौर इन्हें शारीरिकए कानूूूनी तथा स्वास्थ्य संबंधी सहायता उपलब्ध कराई है। प्रवास एजेंसी की कॉक्स बाजार प्रमुुख डिना पार्मर ने बताया कि रोहिंग्या आबादी मानव तस्करी के लिहाज से काफी जोखिम पर हैं अौर इन्हें इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है।