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मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी बीजेपी नेताओं के मुकदमे, वापस लेने की तैयारी में योगी सरकार

लखनऊ, मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में अगस्त- सितम्बर 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगे में 60 लोग मारे गए थे और 40 हजार से अधिक लोग बेघर हुए थे।अब योगी सरकार दंगों के आरोपी भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज  मुकदमों को वापस लेने की तैयारी में है।

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इस संबंध में शासन ने जिला प्रशासन से भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज हुए नौ मुकदमों की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है और पूछा है कि नेताओं पर दर्ज मुकदमों की क्या स्थिति है। क्या ये मुकदमे वापस लिए जा सकते हैं। जल्द ही प्रशासन की ओर से इस संबंध में शासन को रिपोर्ट भेजी जानी है। जिलाधिकारी को 5 जनवरी को लिखे एक पत्र में उत्तर प्रदेश के न्याय विभाग में विशेष सचिव राज सिंह ने 13 बिंदुओं पर जवाब मांगा है, जिनमें जनहित में मामलों को वापस लिया जाना भी शामिल है।पत्र में मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का विचार भी मांगा गया है। बहरहाल पत्र में नेताओं के नाम का जिक्र नहीं है, लेकिन उनके खिलाफ दर्ज मामलों की फाइल संख्या का जिक्र है।

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तत्कालीन सपा सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने सिखेड़ा थाने पर पंचायतों में भाग लेने वाले भाजपा नेताओं थानाभवन के विधायक एवं राज्यमंत्री सुरेश राणा, सरधना विधायक संगीत सोम, पूर्व मंत्री एवं सांसद डॉ संजीव बालियान, बिजनौर सांसद भारतेंद्र सिंह, विधायक उमेश मलिक, साध्वी प्राची, पूर्व प्रमुख वीरेंद्र सिंह, श्यामपाल चेयरमैन, जयप्रकाश शास्त्री, राजेश्वर आर्य, मोनू, सचिन आदि के खिलाफ पाबंदी के बावजूद पंचायत करने, भड़काऊ भाषण देने के आरोप में दो मुकदमे दर्ज कराए गए थे, जो वर्तमान में कोर्ट में विचाराधीन हैं। इसके अलावा बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक के खिलाफ भी दंगे से पहले और बाद के सात मुकदमे शाहपुर, फुगाना थानों में दर्ज  हैं।

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मुजफ्फरनगरके हाईप्रोफाइल कवाल कांड को लेकर 31 अगस्त 2013 को नंगला मंदौड़ में हुई महापंचायत में भड़काऊ भाषण देने के संबंध में पुलिस की ओर से सिखेड़ा थाने पर दर्ज मुकदमे वर्तमान में कोर्ट में विचाराधीन हैं।सिखेड़ा थाने पर दर्ज अपराध संख्या 173/13 के मुकदमे में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा सांसद डॉ संजीव बालियान, बुढ़ाना से बीजेपी विधायक उमेश मलिक भी आरोपी हैं। इस मुकदमे में दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुए थे। शुक्रवार को ही दोनों ने कोर्ट में सरेंडर कर वारंट रिकॉल कराए हैं। अदालत ने दोनों पर आरोप निर्धारण के लिए 29 जनवरी की तारीख नियत की है।

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महापंचायत के ही दर्ज मुकदमा संख्या 178/13 में पूर्व ब्लॉक प्रमुख वीरेंद्र सिंह, श्यामपाल चेयरमैन और भैंसी के पूर्व प्रधान जयप्रकाश शास्त्री आदि ने भी शुक्रवार को अदालत में सरेंडर होकर वारंट रिकॉल कराए हैं। अदालत ने इस मामले को सेशन सुपुर्द करने के लिए 22 जनवरी की तारीख लगाई है।

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