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आशाराम-दयाराम के चक्कर में फसे सीएम योगी-अखिलेश यादव

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई थी जिसमें वह दलित के घर खाना खाने के लिए गए थे। लेकिन इस दलित भोज पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने निशाना साधा है.

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एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक  जिस दलित परिवार के घर योगी आदित्यनाथ खाना खाने के लिए गए थे उसका नाम कुछ और निकला है। जिसके बाद अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ पर चुटकी ली है। अखिलेश यादव ने ट्वीट करके लिखा कि प्रतापगढ़ की पट्टी तहसील में मुख्यमंत्री जी को ही पढ़ा दी गयी पट्टी और आशाराम के घर को बना दिया गया दयाराम का घर. अब तक ‘आयाराम-गयाराम’ ही चलता था, अब इस सरकार के दौर में ‘आशाराम-दयाराम’ का नया चलन शुरू हुआ है. आगे-आगे देखिए होता है क्या.

जिस परिवार के घर योगी आदित्यनाथ खाना खाने गए थे उसका नाम आशाराम है, जबकि अधिकारियों ने उन्हें बताया था कि यह दयाराम सरोज का घर है।

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 अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया था कि वह दलित दयाराम के घर पर भोज के लिए आए हैं और पूरे मीडिया में यही जानकारी साझा की गई। लेकिन ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम का विरोध करना शुरू कर दिया तो पता चला कि जिस व्यक्ति के घर सीएम गए थे वह दयाराम नहीं बल्कि आशाराम है और वह लेखपाल है। नाबालिग से रेप मामले में आसाराम की सजा का हुआ एेलान

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ग्रामीण ने कहना था कि करोड़पति लेखपाल आशाराम के सीएम नहीं रुकेंगे. इसके बाद अधिकारियों ने ग्रामीणों को बताया कि सीएम लेखपाल आशाराम के घर नहीं, उनके भाई दयाराम के घर भोजन करेंगे । लेखपाल आशाराम और उनके भाई दयाराम के अलग-अलग घर हैं.

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 लेकिन सीएम ने भोजना लेखपाल आशाराम के आलीशान मकान में ही किया। सीएम के कार्यक्रम के दौरान लेखपाल की ड्यूटी भी लगा दी गई ताकि ऐसा लगे कि सीएम दयाराम के घर ही भोजन करने जा रहे हैं। लेकिन  इस बात का खुलासा हुआ कि सीएम ने आशाराम के घर ही भोजन किया था।ऐसे में पूरा गांव इस बात का विरोध कर रहा है कि आखिर क्यों मुख्यमंत्री दयाराम के घर नहीं गए।

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