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नागरिकता कानून विरोध के बीच पीएम मोदी ने दी लोगो को ये बड़ी खुशखबरी….

नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलीला मैदान में संबोधन शुरू कर दिया है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि दिल्ली के 40 लाख लोगों के जीवन में एक नया सवेरा लाने का अवसर मुझे मिला है।

पीएम ने कहा, ‘जीवन में जब अनिश्चिता निकल जाती है, एक बड़ी चिंता हट जाती है। तो उसका प्रभाव क्या होता है यह मैं आप सभी के चेहरे पर देख रहा हूं। आपकी गर्मजोशी को अनुभव कर रहा हूं। मुझे संतोष है कि दिल्ली के 40 लाख लोगों के जीवन में नया सवेरा लाने का एक उत्तम अवसर मुझे और भारतीय जनता पार्टी को मिला है।’

धानमंत्री उदय योजना के तहत आप लोगों को अपने मकान जमीन पर मालिकाना हक मिला है, संपूर्ण अधिकार मिला है। इसके लिए आपको बधाई। जिन्होंने इससे दिल्ली को दूर रखा और तरह-तरह के रोड़े अटकाए वह देख सकते हैं कि अपने घर पर हक मिलने की खुशी क्या होती है। आजादी के इतने दशकों बाद तक दिल्ली की एक बड़ी आबादी को डर, चिंता, छल कपट और झूठे चुनावी वादों से गुजरना पड़ा। गैर कानूनी, अवैध, जेजे क्लस्टर, सीलिंग, बुलडोर जैसे शब्दों के ईर्द-गिर्द एक बड़ी आबादी का जीवन सिमट गया था। चुनाव आते थे तो तारीख बढ़ जाती थी। बुलडोजर का पहिया रुक जाता था, लेकिन समस्या वहीं की वहीं रह जाती थी। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए मैंने इस काम को अपने हाथ में लिया।

हालत यह थे कि ये लोग कॉलोनियों से जुड़ी छोटी-छोटी जानकारियां जुटाने के लिए, सीमा तय करने के लिए मांग कर रहे थे कि 2021 तक समय बढ़ा दो। बेशर्म होकर कहते हैं 2021 तक कुछ नहीं कर पाएंगे। यह देखकर मैंने कहा ऐसा नहीं चलने दूंगा। इसलिए हमने इस साल मार्च में खुद अपने हाथ में लिया और इस अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर में प्रक्रिया पूरी की और अभी संसद के सत्र में बिल पास कराया जा चुका है।

इतने कम समय में टेक्नॉलजी की मदद से दिल्ली की 17 सौ से ज्यादा कॉलोनियों की सीमा को चिन्हित करने का काम पूरा किया जा चुका है। 12 सौ से ज्यादा कॉलोनियों के नक्शे पोर्टेल पर डाले जा चुके हैं। यह फैसला घर से तो जुड़ा है ही यह दिल्ली के कारोबार को भी गति देने वाला है। समस्याओं को लटकाकर रखना हमारी प्रवृत्ति नहीं है। ना ही हमारी राजनीति का रास्ता है। जिन लोगों पर आप लोगों ने अपने घरों को नियमित कराने का भरोसा किया वह खुद क्या कर रहे थे। यह दिल्ली वालों के लिए जानना जरूरी है।

इन लोगों ने दिल्ली के सबसे आलीशान और महंगे इलाके में 2 हजार से ज्यादा बंगले कारोबारियों को दे रखे थे। इन बंगलों के बदले क्या हुआ, कैसे हुआ मैं उसमें जाना नहीं चाहता हूं। उन लोगों को उन बंगलों में रहने की पूरी छूट दी और आपकी कॉलोनियों को नियमित करने के लिए कुछ किया नहीं। और जम मैं कर रहा था तो रोड़े अटकाए। उन्हें पता नहीं था, यह मोदी है।

उसने एक तरफ इन वीआईपी लोगों से 2 हजार से ज्यादा सरकारी बंगले खाली तो कराए ही, 40 लाख गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को घर दिलवा दिया है। उनको उनके वीआईपी मुबारक, मेरे लिए तो आप ही वीआईपी हैं। दिल्ली के लोगों के लिए जिंदगी आसान बने, दिल्ली की कनेक्टिविटी बेहतर हो यह हमारी प्राथमिकता रही है। बीते 5 वर्षों में हमने दिल्ली मेट्रो का अभूतपूर्व विकास किया है। 2014 तक औसतन 14 किलोमीटर का विकास हो रहा था, हमारी सरकार आने के बाद, राज्य सरकार का रवैया बताने की जरूरत नहीं है, उसके बाद भी हमारी सरकार 25 किलोमीटर की रफ्तार से निर्माण कर रही है। दिल्ली में सालाना करीब 25 किलोमीटर मेट्रो लाइन बन रही है। 70 किलोमीटर के नए रूट पर काम हो रहा है। फेज 4 को लेकर यदि यहां की राज्य सरकार ने राजनीति के तहत अड़ंगे नहीं लगाए होते तो इसका निर्माण शुरू हो गया होता।