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25 साल तक मुख्य एथलेटिक्स कोच रहे बहादुर सिंह ने दिया इस्तीफ़ा

नयी दिल्ली, 25 वर्षों तक भारतीय एथलेटिक्स के राष्ट्रीय मुख्य कोच रहे पद्मश्री बहादुर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कोरोना के चलते वरिष्ठ नागरिकों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाने वाले गृह मंत्रालय के परामर्श के मद्देनजर इस्तीफा दिया है।

अपने करियर में गोला फेंक एथलीट रहे बहादुर सिंह ने बैंकॉक में 1978 में हुए एशियाई खेलों और 1982 में नयी दिल्ली में हुए एशियाई खेलों में लगातार स्वर्ण पदक जीते। उन्हें 1974 में तेहरान एशियाई खेलों में रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। उन्होंने चार एशियाई ट्रैक एंड फील्ड मीट में प्रत्येक में पदक जीता जिसमें 1973 में मेरीकिना में कांस्य, 1975 में सोल में स्वर्ण, 1979 में टोक्यो में कांस्य और 1981 में टोक्यो में रजत पदक शामिल है।

बहादुर सिंह ने 1980 में मास्को ओलंपिक में भी भाग लिया था। उन्हें 1976 में अर्जुन पुरस्कार और 1998 में द्रोणाचार्य पुरस्कार दिया गया था। बहादुर सिंह को 1983 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

बहादुर सिंह के मार्गदर्शन में भारत ने दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों 2010 में शानदार प्रदर्शन किया था। इसमें टीम ने दो स्वर्ण सहित एक दर्जन एथलेटिक्स पदक जीते। बहादुर सिंह का जन्म 1946 में हुआ था और मुख्य कोच के रूप में उनके हिस्से सबसे गौरवपूर्ण पल वर्ष 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में आया था जब भारत ने ट्रैक और फील्ड प्रतियोगिता में 20 पदक जीते, जिसमें आठ स्वर्ण और नौ रजत शामिल थे।

भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के अध्यक्ष आदिल जे सुमारिवाला ने उनकी उपल्बधियों को सराहते हुए कहा, “हम जब भी विश्व पटल पर गिने जाने वाली अपनी उपलब्धियों के बारे में ध्यान आकर्षित करेगें तो हम बहादुर सिंह के 70 और 80 के दशक में भारतीय एथलेटिक्स के लिये किये गये योगदान और उसके बाद फरवरी 1995 में बतौर मुख्य कोच के रूप में उनकी सेवा को हमेशा याद करेंगे।”

सुमारिवाला ने कहा, “हम उन्हें ओलंपिक खेलों में टीम के लिये अपना योगदान देते हुए देखना चाहते थे,लेकिन कोरोना प्रकोप के कारण टोक्यो ओलंपिक 2020 स्थगित किया जा चुका है। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के आवागमन पर प्रतिबंधित लगाने वाले गृह मंत्रालय के परामर्श के मद्देनजर इस्तीफा दे दिया। लेकिन हम प्रशिक्षण और योजना बनाने में उनके अनुभव का लाभ लेना जारी रखेंगे।” बहादुर सिंह इस समय 74 साल के हैं।

एएफआई के प्लानिंग और कोचिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ ललित के भनोट ने कहा, “एशियाई खेलों में एथलेटिक्स के क्षेत्र में टीम के अच्छा प्रदर्शन ने लोगों में एक विश्वास पैदा किया कि टीम अगर अपनी योजनाओं पर थोड़ा और ध्यान दे तो भारत वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना सकता है। टीम के इस प्रदर्शन में बहादुर जी का योगदान अविस्मरणीय रहेगा।”