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बजरंग पुनिया ने, भारत के लिए एेतिहासिक, आठवां पदक जीता

बुडापेस्ट,  राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता भारत के बजरंग पुनिया ने भारत के लिए विश्व चैंपियनशिप के इतिहास का आठवां पदक जीता। भारतीय स्टार पहलवान ने इस तरह एक साल में राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण और विश्व चैंपियनशिप में रजत जीतने का इतिहास बना दिया।

सीनियर विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के 65 किग्रा फ्री स्टाइल वर्ग के फाइनल में स्वर्णिम इतिहास बनाने से चूक गए।बजरंग पुनिया को सोमवार को फाइनल में जापान के ताकुतो ओतोगुरो ने 16-9 से हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया और बजरंग पुनिया को रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

इससे पहले राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता पहलवान सुमित 125 किग्रा फ्री स्टाइल वर्ग में कांस्य पदक से चूक गए। सुमित को कांस्य पदक के मुकाबले में अमेरिका के निकोलस एडवर्ड से से 2-7 से हार का सामना करना पड़ा।

बजरंग से उम्मीद थी कि वह विश्व चैंपियनशिप के इतिहास में भारत को दूसरा स्वर्ण पदक दिलाएंगे लेकिन मुकाबले में जबरदस्त संघर्ष करने के बावजूद वह स्वर्ण पदक से दूर रह गए। बजरंग ने लेकिन रजत पदक जीतकर विश्व चैंपियनशिप में अपना दूसरा पदक हासिल किया। उन्होंने 2013 में कांस्य पदक जीता था।

इस हार के बावजूद भारतीय स्टार पहलवान ने इस तरह एक साल में राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण और विश्व चैंपियनशिप में रजत जीतने का इतिहास बना दिया। भारत के लिए विश्व चैंपियनशिप में एकमात्र स्वर्ण पदक दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने 2010 में मास्को में जीता था लेकिन बजरंग सुशील की इस उपलब्धि को दोहरा नहीं सके।

भारत के सुमित 125 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक के मुकाबले में हारकर पदक से दूर रह गए। फ्री स्टाइल में बजरंग और सुमित को छोड़कर अन्य आठ पहलवानों में से कोई भी पदक राउंड में नहीं पहुंच सका। सोनवा तानाजी 61 किग्रा वर्ग के रेपचेज में पहुंचे लेकिन उन्हें मंगोलिया के तुवशिंतुलगा तुमेनविलेग से 0-7 से हार का सामना करना पड़ा।
भारत के सात अन्य पहलवान जितेंदर ;74,  पवन कुमार ;86, संदीप तोमर ;57,  सचिन राठी ;79, दीपक ;92,  पंकज राणा 70 और मौसम खत्री 97 पदक राउंड में नहीं पहुंच पाए। 74 किग्रा वर्ग में जितेंदर को स्लोवाकिया के अख्सारबेक गुलेव ने पहले राउंड में 5.3 से हराया लेकिन गुलेव के अगले दौर में हार जाने से भारतीय पहलवान की रेपचेज में जाने की उम्मीदें टूट गयीं।

यही स्थिति पवन की 86 किग्रा में रही। पवन को यूक्रेन के मराज जाफरियां ने 6.0 से पराजित किया। यूक्रेनी पहलवान के अगले राउंड में हारने के साथ ही पवन की उम्मीदें भी समाप्त हो गयीं। संदीप को दूसरे राउंड में अजरबैजान के जियोर्जी एडिशराशविली सेए सचिन को मंगोलिया के उनरबाट पुरेवजाव ने 13.1 से और दीपक को यूक्रेन के लीयूबोमायर सागालियुक ने 4.0 से हराया।

संदीप, सचिन और दीपक को हराने वाले पहलवानों के आगे हार जाने से भारतीय पहलवानों की रेपचेज में खेलने की उम्मीदें समाप्त हो गयीं। राणा को प्री क्वार्टरफाइनल में उज्बेकिस्तान के इख्तियोर नवरुजोव से 0.10 से और मौसम को क्वालिफिकेशन में वेनेजुएला के जोस डेनियल डियाज से 2.12 से हार का सामना करना पड़ा।