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बहुजनों के संघर्षों की बड़ी जीत, आखिर सीएम योगी को भीम आर्मी संस्थापक को रिहा करना पड़ा

लखनऊ,  आखिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ को रिहा करने का निर्देश जारी करना पड़ा. भीम आर्मी के संस्थापक की इस रिहाई को बहुजनों के संघर्षों की बड़ी जीत के रूप मे देखा जा रहा है.

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गृह विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि चंद्रशेखर की मां की अपील पर विचार करते हुए उन्हें समय से पहले रिहा करने का फ़ैसला किया गया है.चंद्रशेखर  के साथ जेल में बंद उनके दो सहयोगियों के रिहाई के भी निर्देश दिए गए हैं.  सहारनपुर की हरिजन कालोनी निवासी चंद्रशेखर की रासुका के तहत निरुद्ध रहने की अवधि एक नवंबर, 2018 तक थी, जबकि अन्य आरोपित सोनू व शिवकुमार को 14 अक्टूबर, 2018 तक निरुद्ध रहना था. भीम आर्मी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजीत नौटियाल ने कहा है कि ये बहुजनों के संघर्ष की जीत है.

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मई 2017 में सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा के मामले में एसटीएफ ने आरोपित चंद्रशेखर को आठ जून 2017 को हिमांचल प्रदेश से गिरफ्तार किया था. इसके अलावा पांच अन्य आरोपित भी गिरफ्तार किये गए थे. जिनमें से तीन आरोपित सोनू उर्फ सोनपाल, सुधीर व विलास उर्फ राजू को सात सितंबर को रिहा किया जा चुका  है. उन पर हिंसा भड़काने के आरोप लगाये गये थे.

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  इससे लगभग एक वर्ष पूर्व, चंद्रशेखर उर्फ रावण द्वारा दाखिल  अर्जी पर सुनवाई करते हुए  इलाहाबाद हाईकोर्ट  ने उनकी सभी मामलों मे जमानत मंजूर की थी. कोर्ट ने जातीय हिंसा से जुड़े 4 मामलों में भीम आर्मी चीफ और डिप्टी चीफ सहित 4 लोगों को जमानत देते हुये चन्द्रशेखर और कमल की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया था.

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लेकिन चंद्रशेखर को सभी मामलों में कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहाई का आदेश आने से पहले ही जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई का नोटिस तामील कराया था. चंद्रशेखर सहित कुछ छह आरोपितों पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई थी. जिसके कारण हाई कोर्ट से सभी मामलों में जमानत मिलने के बाद भी  चंद्रशेखर उर्फ रावण को जेल से रिहाई नही मिली.

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चंद्रशेखर  को  प्रशासन ने रासुका में निरुद्ध कर दिया और फिर योगी सरकार ने तीन-तीन माह करके चार बार रासुका की अवधि बढ़ा दी. बीजेपी सरकार की इस कार्रवाही पर भीम आर्मी समर्थकों सहित दलित -पिछड़ों मे जबर्दस्त आक्रोश दिखा.भीम आर्मी में इसे लेकर काफी आक्रोश था। भीम आर्मी ने रावण की रिहाई को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी थी.भीम आर्मी एकता मिशन ने चंद्रशेखर उर्फ रावण को जेल से रिहा करवाने के लिए व्यापक आंदोलन शुरू किया था.

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