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ठाकुरवाद के आरोप का मुख्यमंत्री योगी ने, कुछ इस तरह दिया जवाब

लखनऊ, जातिवाद के आरोपों पर विराम लगाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक टीवी चैनल के इंटरव्यू

में कहा कि यह आरोप लगाने वालों की मानसिकता को दर्शाता है।

उत्तर प्रदेश सरकार के ढाई साल पूरा होने के अवसर पर न्यूज 18 नेटवर्क ग्रुप के एडिटर -इन- चीफ राहुल

जोशी को दिए गए एक साक्षात्कार में  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जब पूछा गया कि आप पर

ठाकुरवाद के आरोप की चर्चा है, आप अपनी जाति के लोगों को सरकार मे बढ़ावा दे रहें हैं।

इससे ब्राह्मणों मे भी रोष है।

इस आरोप का खंडन करते हुये  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरे ऊपर जातिवाद का आरोप

लगाने वाले, खासकर राजपूतों को अच्छे पदों पर बैठाने का आरोप लगाने वाले विरोधी, चुनाव में अपनी

जमानत नहीं बचा पाये।

इसके बाद से विरोधी राजनीतिक दल के नेता मेरे ऊपर निराधार आरोप लगा रहे हैं।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर किसी ने इस तरह की मानसिकता बना रखी है तो मैं किसी के मन को

बदल नहीं सकता। उन्होंने कहा कि मेरे मुख्य सचिव ब्राम्हण हैं, उनके आगे की पंक्ति का अधिकारी

ब्राम्हण है। रेवेन्यू विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव ब्राम्हाण है, हमारे डीजीपी क्षत्रिय हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इन सभी की नियुक्तियां इनकी योग्यता और मैरिट के आधार पर हुई है ना कि

जाति के आधार  पर की गई हैं।

योगी ने कहा कि आज गोरखपुर की गोरखपीठ में सबसे ज्यादा ब्राम्हणों के बच्चे रहते हैं, जिनके रहने-

खाने की व्यवस्था पीठ की ओर से की जाती है।

योगी  ने कहा कि सरकार में मेरे साथ काम करने वाले लोग अलग-अलग समुदायों और जातियों से हैं, जो

अपनी क्षमता और मैरिट के आधार पर सरकार में काम कर रहें हैं।

सीएम योगी ने कहा कि उनके ऊपर इस तरह के आरोप पहली बार नहीं लग रहे हैं।

जब मैं पहली बार गोरखपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ रहा था तब भी मेरे खिलाफ ऐसे आरोप लगाए गए

थे।

योगी ने कहा कि एक विपक्षी दल उनके खिलाफ इस तरह के आरोप गढ़ता रहता है और उन्हें घेरने की

कोशिश करता है।