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यूपी में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कांग्रेस का प्रदर्शन, पुलिस ने की ये कार्रवाही

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के मुद्दे को लेकर आक्रामक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने को तैयार प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कांग्रेस दफ्तर से बाहर निकलते ही हिरासत में ले लिया जबकि देर शाम सभी काे रिहा कर दिया गया।

हिरासत में लिये गये नेताओं में लल्लू के अलावा विधान परिषद दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना,पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, अनु जाति विभाग के प्रभारी प्रदीप नरवाल, अनु जाति विभाग के अध्यक्ष आलोक प्रसाद, उपाध्यक्ष तनुज पुनिया के अलावा कार्यकर्ता शामिल थे। सभी को बसों में भरकर इको गार्डेन ले जाया गया जहां से शाम को उन्हे रिहा किया गया।

हिरासत से छूटने के बाद श्री लल्लू ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज चल रहा है। पूरे सूबे में संवैधानिक व्यवस्था चरमरा कर ध्वस्त हो गयी है। अपराधी और गुंडों को योगी सरकार का संस्थागत संरक्षण मिला हुआ है। अपराधियों और गुंडों की योगी सरकार के मंत्रियों सहित अफसरों से करीबी रिश्ते उजागर हो गए है। तमाम वीडियो और वायरल हो रहे फोटो में इनकी निकटता सामने आ चुकी है।

उन्होंने कहा कि योगी राज में संविधान को ताक पर रख दिया गया है। कभी ऐसा नहीं हुआ है कि राज्यपाल को ज्ञापन देने सौंपने जा रहे लोगो को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किया गया हो। यूपी में योगी सरकार की तानाशाही और अत्याचार की इन्तिहा हो गयी है। उन्होने सवाल किया है कि क्या किसी राष्ट्रीय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को प्रदेश के संवैधानिक मुखिया से मिलकर ज्ञापन देना आपराधिक कृत्य है। उन्होने सरकार के इशारे पर ज्ञापन देने जाते समय गिरफ्तार किये जाने पर कड़ा रोष व्यक्त किया है।

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा‘मोना’ ने कहा कि कानपुर में 8-8 पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों की हुई हत्या के बाद जो खुलासे मीडिया के माध्यम से सामने आ रहे हैं उससे यह साफ हो गया है कि योगी सरकार में पुलिस विभाग और अपराधियों की संलिप्तता का ही यह दुर्भाग्यपूर्ण परिणति है। जब आम जनता को सुरक्षा देने वाले ही सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा। प्रदेश में पूरी तरह अराजकता और जंगलराज कायम हो गया है। मुख्यमंत्री का शासन-प्रशासन और पुलिस पर नियंत्रण नहीं रह गया है। अपराधी बेलगाम हो चुके हैं।