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दीपक पुनिया ने विश्व चैंपियनशिप में, 18 साल बाद भारत को दिलाया स्वर्ण पदक

नयी दिल्ली,  भारत के उभरते पहलवान दीपक पुनिया ने एस्टोनिया की राजधानी ताल्लिन मे चल रही जूनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में बुधवार को स्वर्ण पदक जीत लिया जो इस प्रतियोगिता में 18 साल बाद भारत का पहला स्वर्ण पदक है।

दीपक के इस स्वर्णिम इतिहास बनाने से पहले 2001 में पलविंदर सिंह चीमा और रमेश गुलिया ने उज्बेकिस्तान में ये कारनामा किया था।

दोनों पहलवानों ने 2001 में जूनियर विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था।

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष श्री बृजभूषण शरण सिंह ने दीपक को इस कामयाबी के लिए बधाई देते हुए उम्मीद जतायी कि भारतीय पहलवान अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक में ढेरों पदक जीतेंगे।

इस जूनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में पदक का रंग बदलने के उद्देश्य से, भारतीय पहलवान दीपक पुनिया ने पुरुषों के 86 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग के फाइनल में रूस के अलिक शेजुखोव को 2-2 की बराबरी पर रहते हुये स्वर्ण पदक जीता।

चैंपियनशिप के पहले तीन मुकाबलों में शानदार जीत दर्ज करने के बाद फाइनल में भारतीय पहलवान का सामना रूस के अलिक शेजुखोव हुआ।

जहां भारतीय पहलवान ने रूसी पहलवान को संघर्षपूर्ण मुकाबले मे हरा कर स्वर्ण पदक जीत लिया।

इससे पहले दीपक ने प्री-क्वार्टर फाइनल राउंड में हंगरी के मिलान कोरस्कॉग के खिलाफ 10-1 से जीतने के बाद, अगले दौर में कनाडा के हंटर ली को 5-1 से पछाड़ दिया।

उसके बाद सेमीफाइनल मे जॉर्जिया के मिरियानी मैशुराडेज़ पर 3-2 की जीत ने दीपक को चैंपियनशिप के फाइनल मे पहुंचा दिया।

एक अन्य भारतीय पहलवान विक्की (92 किग्रा) ने रीपचेज राउंड में हिस्सा लिया और उन्होने कांस्य पदक जीत लिया।

कांस्य पदक के लिए विक्की ने मंगोलिया के बाटमग्नाई एनकेथुवशिन को 4-3 अंको से हराया।

इससे पहले विक्की क्वाटर फाइनल में अमेरिका के लुकास जॉन डेविसन से 7-1 अंक से पराजी हो गए थे।

अमेरिका के लुकास जॉन डेविसन के फाइनल में पहुंचने की बदौलत विक्की को रीपचेज राउंड में शामिल किया गया जहां उन्होनें कनाडा के चोकुएट्टे जी को 9-0 के पश्चात से चित कर मुक़ाबला अपने नाम किया।