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बिस्तर से निकलने से पहले ही कर लें इस तरह के काम

Good morning world

हर कोई चाहता है कि उनके दिन की शुरूआत ऐसी हो जिससे वो पूरे दिन फ्रेश महसूस करें। कई बार ऐसा होता है कि सुबह कोई तनाव वाली बात हो जाती है तो पूरा दिन बेकार जाता है। न तो ऑफिस में कोई काम सही से कर पाते है और न ही घरवालों के साथ खुशी से दिन बीतता है। इसलिए दिन की शुरुआत हमेशा अच्छे कामों से होनी चाहिए।

बिस्‍तर से उठने का भी एक तरीका होता है। अगर आपको यह तरीका पता है तो सारे दिन आप तरोताजा और ऊर्जा से भरपूर रहेंगे। आपने अक्‍सर सुना होगा लोग कहते हैं, ‘पता नहीं आज बिस्‍तर के किस तरफ से उठा था, पूरा दिन खराब गया।’ लेकिन इस बात में सचाई है, जिस तरह से किस करवट आप सो रहे हैं उसका असर आपकी नींद पर पड़ता है उसी तरह आप किस तरह सोकर उठे हैं वह भी आपके स्‍वास्‍थ्‍य को प्रभावित करता है।

आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ही मानते हैं कि बिस्‍तर की दायीं तरफ से उठना चाहिए। आयुर्वेद के हिसाब से आपके शरीर की दायीं तरफ सूर्य नाड़ी होती है। इसलिए जब आप अपनी दायीं करवट से उठते हैं तो इससे आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है।

वहीं साइंस भी मानती है कि हमारे शरीर के आसपास दो चुंबकीय क्षेत्र होते हैं। एक हमारे सिर से पैरों की तरफ जाता है दूसरा पैरों से सिर की तरफ। इसलिए जब आप दायीं करवट सोकर उठते हैं तो अपने शरीर के दूसरे चुंबकीय क्षेत्र को मजबूत करते हैं। इससे आपके शरीर में ऊर्जा का प्रवाह तेज होता है। इस मामले में कुछ और विचार भी हैं जो दायीं करवट उठने का समर्थन करते हैं। इनके हिसाब से दायीं करवट उठने से आपका दिन तनाव मुक्‍त गुजरता है।

दायीं करवट उठने के अलावा यह भी जरूरी है कि सोकर उठते समय आपकी कमर में मोच वगैरह न आए। इसके लिए ये स्‍टेप्‍स फॉलो करें:

जब भी झटके से बिस्‍तर से उठेंगे तो कमर में मोच आने की आशंका ज्‍यादा रहेगी। इसलिए आराम से, स्‍ट्रेचिंग करके बिस्‍तर छोड़ना चाहिए।

बिस्‍तर से उठने के लिए पहले हाथों का सहारा लें। इससे आपकी गर्दन और कमर पर बेवजह जोर नहीं पड़ेगा।

उठ कर बैठने के बाद कुछ देर बिस्‍तर पर बैठकर रिलेक्‍स करें। हड़बड़ाकर नहीं उठें।