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जेल मे कैदियों से मुलाकात बंद होने से, परिजनों में छाई मायूसी

लखनऊ, कारागार में निरुद्ध कैदियों से मुलाकात बंद होने से कैदियों के परिजनों कैदियों से मिलने वाले नजदीकी लोगों में मायूसी छाई हुई है ।

कोरोना कहर के चलते देश मे जारी लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश में जालौन जिला कारागार में निरुद्ध कैदियों से मुलाकात बंद होने से कैदियों के परिजनों कैदियों से मिलने वाले नजदीकी लोगों में मायूसी छाई हुई है वही सजायाफ्ता कैदियों की सूचना भी शासन ने जेल अधीक्षक से मांगी है ।

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उरई स्थित जेल के अधीक्षक सीताराम शर्मा ने  बातचीत में  बताया कि कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए मैंने जेल मैन्युअल 708 प्रशस्त में प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए विगत 20 मार्च से जिला कारागार उरई में निरोध कैदियों की मुलाकात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि मुलाकात के दौरान कैदियों से मिलने वाले उनके परिजनों उनके मित्रों के अलावा उनके चहेतों के कारणों जेल में अनावश्यक भीड़ बढ़ जाती थी जिसके कारण सामाजिक दूरी के नियम का अनुपालन नहीं हो पा रहा था ।

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मुलाकात के दौरान नजदीकी से मिलने के कारण कोरोनावायरस महामारी खेलने की अभी आशंका बनी रहती थी जिसके कारण कैदियों से मुलाकात पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है । एक सवाल के जवाब में जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने यह भी बताया कि एक निश्चित अवधि में प्राप्त सजायाफ्ता कैदियों की भी सूची शासन ने मांगी है। श्री शर्मा ने बताया कि इस सूची का उद्देश संविधान में प्रदत्त जीने का अधिकार अनुच्छेद 21 के अनुपालन में कुछ कैदियों को पैरोल पर भी रिहा करने की संभावना है किंतु पैरोल से संबंधित अभी तक शासन स्तर से कोई भी दिशानिर्देश अभी प्राप्त नहीं है ।जेल में निरुद्ध कैदियों से मुलाकात बंद होने से कैदियों के परिजनों परिवारों में दोस्तों में नजदीकी रखने वाले लोगों में मायूसी छाई हुई है।

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