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पृथ्वी साव भारतीय क्रिकेट का उभरता सितारा

नई दिल्ली, पृथ्वी साव का नाम पिछले करीब आठ बरस से क्रिकेट के गलियारों में सुनाई दे रहा है। लेकिन आज यह आलम है कि उसके कद की तुलना दुनिया के बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ियों से की जा रही है।

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हालांकि उसने तीन बरस की उम्र में ही बल्ला थाम लिया था, जब उसका कद उन स्टंप्स से भी छोटा था, जिनके सामने खड़े होकर वह बल्लेबाजी किया करता था। महज चार बरस की उम्र में अपनी मां को खो देने वाले पृथ्वी के जीवन पर उनके पिता का बहुत गहरा असर है।इसी साल जून में फादर्स डे पर पृथ्वी ने सोशल मीडिया पर अपने पिता को उनपर भरोसा करने के लिए धन्यवाद दिया था।

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उन्हें एक अच्छा इनसान बनाने के साथ ही एक बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ी बनाने का सपना देखने वाले अपने पिता को पृथ्वी ने चार अक्टूबर को एक बेहतरीन तोहफा दिया जब उन्होंने अपने पहले ही मैच में सैकड़ा लगाकर खुद को सचिन तेंदुलकर की श्रेणी में खड़ा कर दिया।दरअसल वह सचिन के बाद टेस्ट क्रिकेट में सैकड़ा बनाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं।

पृथ्वी साव का परिवार मूलतः बिहार के गया का रहने वाला है। वह साहू तेली समाज से आता है। उनके पिता पंकज साव बहुत पहले मुंबई के नजदीक विरार में आकर बस गए और छोटे से पृथ्वी की क्रिकेट में दिलचस्पी देखकर मात्र तीन बरस की उम्र में विरार की क्रिकेट अकादमी में उनका दाखिला करा दिया। पृथ्वी साव बहुत छुटपन में अपने दोस्तों और पिता के साथ जेडब्ल्यू मैरिएट के नजदीक बीच पर क्रिकेट खेलते थे। बाद में पृथ्वी को एक कंपनी के रूप में प्रायोजक मिला तो परिवार मुंबई चला आया।

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पृथ्वी को करीब दस बरस पहले सचिन तेंदुलकर ने बल्लेबाजी करते हुए देखा था और आठ बरस के बच्चे का, गेंद को समझने और सही तकनीक के साथ पूरी ताकत से शॉट लगाने का अंदाज उन्हें इतना पसंद आया था कि उन्होंने उसी समय उसके भारत के लिए खेलने की भविष्यवाणी कर दी थी। पृथ्वी के बेहतरीन खेल का ही चमत्कार है कि वह रिजवी स्प्रिंगफील्ड के लिए खेलता है, जो मुंबई की सर्वश्रेष्ठ स्कूल टीम है और वह शहर के प्रसिद्ध एमआईजी क्रिकेट क्लब में क्रिकेट की बारीकियां सीखता है। इस क्लब की प्रतिष्ठा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सचिन तेंदुलकर के पुत्र अर्जुन को भी इसी क्लब में कोचिंग दी जा रही है।