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जनरल करिअप्पा ने अपनी पहली प्राथमिकता का किया बड़ा खुलासा

मथुरा,  सेना के वन कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल सीपी करिअप्पा ने अपनी पहली प्राथमिकता का बड़ा खुलासा किया है।

उन्होने कहा है कि उनकी पहली प्राथमिकता कोविड-19  से मुकाबला कर उसे समाप्त करने की है।

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सेना के वन काेर मुख्यालय में शुक्रवार को मथुरा की स्ट्राइक वन कोर की कमान लेफ्टीनेंट जनरल अमरदीप सिंह भिंडर से लेने के बाद जनरल करिअप्पा ने सभी रैंको को जोश, उत्साह के साथ काम जारी रखने के लिए प्रेरित किया और सैन्य प्रशिक्षण के असाधारण स्तर को प्राप्त कर प्रशिक्षण तत्परता संबंधी सभी पदों पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया ताकि मुख्यालय वन कोर शत्रु के गतिविधियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके ।

ले जनरल करिअप्पा ने कहा कि उनकी वर्तमान में प्राथमिकता ‘ फाईट अंगेस्ट कोविड-19 थ्रेट ’ यानी कोविड-19 से मुकाबला कर उसे समाप्त करने की है।

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सैन्य प्रवक्ता गार्गी मालिक सिन्हा ने बताया कि लेफ्टीनेंन्ट जनरल सी पी करिअप्पा, नेशनल डिफेंस एकेडमी और इंडियन मिलिट्री एकेडमी के पूर्व छात्र रहे हैं। इन्होंने राजपूताना राइफल्स की चैथी बटालियन में 09 जून 1984 को कमीशन प्राप्त किया था। उन्होने युद्धकला, युद्धाभ्यास और काउटर टेरारिज्म कौशल में महारत हासिल की है। जनरल आफीसर करिअप्पा ने विभिन्न कमांड, सेना प्रतिष्ठान संस्थान ,वं स्टाफ एप्वाइन्टमेन्ट के रूप में सराहनीय कार्य किये है।

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उन्होंने सैन्य अभियानों के रेगिस्तानों, पहाड़ो और मैदानी जैसे क्षेत्रों के अलग – अलग इलाकों में उच्यतम कार्य किये हैं, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें सेना की बारीकियों, सैन्य आपरेशन और रणनीति में महारथ हासिल है। इसके साथ ही वह सम्मानीय डिफेंस सर्विसेस स्टाफ काॅंलेज और यूनाइटेड स्टेट आर्मी वार काॅंलेज के भी भूतपूर्व छात्र रह चुके है।

सिन्हा ने बताया कि जनरल आफिसर दर्शनशास्त्र में रक्षा अध्ययन एवं प्रबंधन और युद्ध कौशल अध्ययन मेें स्नातकोत्तर हैं। वे मांउटेन डिवीजन और एक इंन्फैट्री ब्रिगेड की कुशल कमान का नेतृत्व कर चुके हैं।

जनरल करिअप्पा ने सैन्य शांति सेवा फोर्स मोजाम्बिक अफ्रीका और इराक , कुवैत में प्रशंसनीय कार्य किया है। मुख्यालय वन कोर की कमान संभालने से पूर्व वह राष्ट्रपति भवन में सैन्य सेके्रटी के रूप में कार्य कर रहे थे।

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