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यादव विरोधी छवि बनाकर, डीएम बनने की कोशिश मे हैं आईएएस हीरालाल

 लखनऊ, योगी सरकार मे मलाईदार पदों पर तैनाती के लिये, कुछ आईएएस अधिकारी किसी भी हद तक जानें के लिये तैयार ही नही बैठें है बल्कि साजिशें कर रहें हैं। उन्हे योगी सरकार की छवि और जनता के बीच जाने वाले समाज विरोधी, जातिवादी नकारात्मक संदेश की कतई परवाह नही है।

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 सूत्रों के अनुसार, समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार मे कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे आईएएस हीरालाल, योगी सरकार मे भी प्राइम पोस्टिंग पाने के लिये तड़फ रहें हैँ। समाजवादी पार्टी की सरकार मे जब हीरालाल पीसीएस थे तब सपा के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव को पकड़कर हीरालाल उनके बेटे के संसदीय क्षेत्र मे सीडीओ हो गये। हीरालाल अपने पिछड़े वर्ग का होने की इमेज को भुनाकर अखिलेश सरकार मे प्राइम पोस्टिंग पर रहे।

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अखिलेश सरकार जाने के बाद हीरालाल महत्वहीन पद पर भेज दिये गये। इस बीच हीरालाल आईएएस हो गये। वर्तमान मे, हीरालाल यूपी संगीत नाटक अकादमी मे सचिव और शासन मे विशेष सचिव हैं। जो साधारण पद हैं। सूत्रों के अनुसार, हीरालाल अब किसी अच्छे जिले मे डीएम बनना चाहतें हैं। तमाम तिकड़म लगाने के बाद भी जब उन्हे सफलता नही मिली। तो इन्होने अपनी पुरानी इमेज को समाप्त कर प्राईम पोस्टिंग पाने के लिये नया दांव चला। अपनी यादव विरोधी छवि बनाने के लिये, हीरालाल ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 10 मार्च को यू0पी संगीत नाटक अकादमी के लान मे आयोजित होने वाले यादव समाज के पारिवारिक होली मिलन कार्यक्रम को रद्द कर नया विवाद खड़ा कर दिया।

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अचानक कार्यक्रम रद्द होने से आयोजक संस्था, अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा सकते मे आ गयी। यादव महासभा के पदाधिकारियों, विधायकों, पत्रकारों सहित कई अन्य समाज और दल के प्रतिष्ठित लोगों ने भी समझाने की कोशिश की पर हीरालाल न माने। उन्होने कहा कि यादव समाज का होने के कारण होली मिलन कार्यक्रम नही हो सकता है। जबकि इससे पहले कई जातियों के कार्यक्रम यूपी संगीत नाटक अकादमी मे हो चुकें हैँ। पूर्व मे, यादव महासभा स्वयं कई कार्यक्रम यूपी संगीत नाटक अकादमी मे करा चुकी है

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  इस बीच हीरालाल का ट्रांसफर एमडी, लघु अद्योग विकास निगम के पद पर कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार, पर वह तो डीएम बनना चाहते थे। इसलिये उन्होने आश्वासन के बावजूद यादव महासभा के निवेदन पर पुनर्विचार नही किया। यहां तक कि हीरालाल के इस दुर्भावनापूर्ण निर्णय से आक्रोशित होकर, महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा बिना अनुमति के वहीं पर कार्यक्रम करने की घोषणा से यादव समाज की योगी सरकार के साथ टकराव की स्थिति बन रही थी और सरकार के प्रति यादव समाज मे गलत संदेश जा रहा था।

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लेकिन महासभा के राष्ट्रीय महासचिवप्रमोद चौधरी और यादव समाज के पत्रकार साथियों ने योगी सरकार के विधि एवं कानून मंत्री ब्रजेश पाठक से मिलकर, सूझबूझ से मसले को  हल कर लिया।  मसले को हल करने मे मंत्री ब्रजेश पाठक ने अहम भूमिका निभायी  और 9 मार्च को देर रात कार्यक्रम करने की अनुमति मिल गई। जिससे हीरालाल के मंसूबे धरे के धरे रह गये और यादव होली मिलन कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न हो गया।

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लेकिन यदि यह मसला हल न होता निश्चित ही बड़ा टकराव होता और योगी सरकार की नकारात्मक छवि बनती। इसलिये योगी सरकार को इस तरह के अफसरों से सावधान रहना चाहिये और इन पर कड़ी नजर रखनी चाहिये। नही तो ये अपने लाभ के लिये  कभी भी सरकार की किरकिरी करा सकतें हैं।