हरिद्वार , भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान , रुड़की के वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड, हिमाचल के भेड़ पालकों के लिए एक रोलर तैयार किया है जोकि उनको ऊन से बनाये जाने वाले वस्त्रों को बनाने में मददगार साबित हो रही है ।
अब इन राज्यों की गांव की महिलाओं को कठिन परिश्रम से भेड़ो की खाल से वस्त्र बनाने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
सूत्रों के अनुसार, रूरल टेक्नोलॉजी एक्शन ग्रुप के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में भेड़ पालकों के लिए आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिक आर0ण्पी0 सैनी ने एक रोलर तैयार किया है जो कि भेड़ पालकों के नमदा बनाने में मदद करेगा, उनका कहना है कि नमदा बनाने में सबसे अधिक महिलाएं शामिल होती जोकि इस काम को पैरों के माध्यम से करती है इसलिए उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए अब इस रोलर मशीन से उनका कार्य आसान हो जाएगा।
श्री सैनी ने बताया कि ग्रामीणों को स्वालम्बी बनाने लिये इस रोलर को तैयार कर लिया गया और कई उद्योगों को इसका मॉडल भी दिया गया है। वहीं राजस्थान, गुजरात में इसका वर्तमान में प्रयोग किया जा रहा है। ताकि भेड़ पालकों को इसमें समय भी कम लगता है और एक दिन में पांच से छह नमदा बनाये जा सकते है।