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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव- जानिये क्या हैं राजनैतिक समीकरण ?

नई दिल्ली, चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसी के साथ इन राज्यों में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है. पांचो राज्यों में वोटों की गिनती एक साथ 11 दिसंबर को होगी.

चुनाव आयोग ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की है. इन पांचों राज्यों में से तीन राज्यों मे बीजेपी और मात्र एक राज्य मे कांग्रेस की सरकारें हैं. राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ मे बीजेपी और मिजोरम मे कांग्रेस की सरकार है, जबकि तेलंगाना मे तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) की सरकार है.

मध्य प्रदेश मे कुल 231 विधानसभा सीटें है. हालांकि इनमें से 230 सीटों पर ही चुनाव होते हैं और एक सदस्य को नामित किया जाता है. 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 166, कांग्रेस को 57, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थी. मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार पिछले 15 सालों से है. शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश में राज करते हुए 13 साल से ज़्यादा हो चुके हैं.

मध्य प्रदेश के विधान सभा चुनाव में लड़ाई मुख्य रूप से कांग्रेस और बीजेपी के बीच है. इसके अलावा बसपा राज्य में एक बड़ी ताकत है. बसपा ने  यहां अपने दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. इस बार समाजवादी पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी , जयस, सपाक्स , ‘अनारक्षित समाज पार्टी’ ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.

मध्य प्रदेश में, 2 अक्टूबर को  सामान्य और ओबीसी वर्ग की संस्था ‘सपाक्स’ ने अपनी पार्टी का ऐलान किया है और प्रदेश की सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने की बात कही। मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग की बात करें तो ये दोनों मिलाकर करीब 37 फीसदी जनसंख्या का आंकड़ा पार करते हैं। इन लोगों की भी अपनी मांगें हैं इसी के चलते अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारियों का संगठन ‘अजाक्स’ और आदिवासी युवाओं का राजनीतिक संगठन ‘जयस’ विधानसभा चुनाव में ताल ठोकने की तैयारी में है।