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मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

झांसी , उत्तर प्रदेश के झांसी में  पुलिस ने एक ऐसे जालसाल गिरोह का पर्दाफाश किया,  जो झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में सरकारी कोटे से एमबीबीएस में एडमिशन के नाम पर छात्रों से पैसे ऐंठने के काम में लगा था। इस गिरोह ने अब तक डेढ़ करोड़ से अधिक रूपये की ठगी की है और पुलिस ने इनके पास से एक दर्जन से अधिक मोबाइल और नकदी बरामद की है।

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यहां स्थित पुलिस लाइन में पुलिस उपमहानिरीक्षक झांसी परिक्षेत्र सुभाष बघेल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक झांसी ओपी सिंह ने पत्रकारों को बताया कि प्रदेश के मथुरा निवासी वीर सिंह ने 14 अक्टूबर को झांसी के नवाबाद थाने में शिकायत करते हुए अपने बेटे के साथ एमबीबीएस में एडमिशन के नाम पर हुई ठगी के बारे मे बताया ।

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शिकायत में उन्होंने बताया कि उसके बेटे को एमबीबीएस में सरकारी कोटे से प्रवेश चाहिए था। इसका वह प्रयास कर रहा था तभी उसकी मानस समेत कुछ लोगों से मुलाकात हो गई। मुलाकात में उन्होंने उससे झांसी मेडिकल कालेज में प्रवेश दिलाने के नाम पर ठगी कर ली। नवाबाद थाने की पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।वहीं 8 सितम्बर को बी ईश्वरा रेड्डी निवासी कर्नाटक ने भी नवाबाद थाने की पुलिस से की। शिकायत में बताया गया था कि उसके साथ भी जालसाजों ने एमबीबीएस में सरकारी कोटे से प्रवेश दिलाने के नाम पर ठगी की है।

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एमबीबीएस में सरकारी कोटे से प्रवेश दिलाने के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार होने की लगातार मिल रही शिकायतों को एसएसपी और डीआईजी ने गम्भीरता से लिया। इस गिरोह की धरपकड़ के लिए टीम गठित कर तलाश शुरु कर दी है। इसी दौरान नवाबाद और बड़ागांव पुलिस ने संयुक्त रुप पांच जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गये जालसाजों के पास से पूछताछ के दौरान अपने नाम करन सिंहए दीपक सिंहए मानस त्रिवेदीए हृदेश कुमार और भूपेन्द्र प्रजापति बताये। इनके पास से 37 हजार 600 रुपए नकदए 15 मोबाइल और यस बैंक की चेक समेत अन्य सामान मिला।

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डीआईजी ने बताया कि यह बेहद शातिर ठग हैं जो काफी समय से बेहद गुप्त तरीके और सावधानी से इस ठगी को अंजाम देते थे। इन्होंने नोएडा सेक्टर 62 आईथम टावर में माइंड मूवर नाम आफिस खोला हैए जहां वह पहले नीट की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के फोन नम्बर समेत डाटा एकत्रित करते हैं। इसके बाद टेलीकाॅलरों से काॅल कराकर नोएडा आफिस में छात्र.छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को बुलाकर मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस में सरकारी कोटे से एडमीशन कराने के नाम पर प्रति व्यक्ति 20 लाख रुपए लेते हैं। जिन लोगों से सौदा हो जाता उन्हें एक तारीख देकर झांसी मेडिकल कालेज बुलाया जाता है।

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यहां ओपीडी बंद होने के बाद वह चर्म रोग विभाग की ओपीडी का उपयोग करते थे। इसी ओपीडी में वह प्रवेश की फर्जी प्रक्रिया चलाते हैं। अब तक इन्होंने 16 लोगों को अपना शिकार बनाकर एक करोड़ 60 लाख रुपए की ठगी की। बचने के लिए वह कभी अपनी सही पहचान नहीं बताते है। पकड़े गए सभी पांचों के खिलाफ सम्बधित धाराओं में मामला दर्ज कर कार्यवाही शुरु कर दी है।

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उन्होंने कहा कि इस मामले में मेडिकल के चर्म विभाग के जो भी लोग शामिल हैं उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार किया जायेगा । एक गार्ड को चिंहित कर लिया गया है साथ ही अन्य लोग जो पुलिस के शक के दायरे में उनके इस पूरे मामले में संलिप्तता का जल्द ही पर्दाफाश किया जायेगा। डीआईजी ने बताया कि इस पूरे मामले का खुलासा करने वाली टीम ने बेहद गुप्त तरीके से काम किेया और ठगों का पर्दाफाश किया । उन्होंने टीम को 40 हजार के ईनाम की घोषणा की।

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उन्होंने उम्मीद जतायी कि पूरे मामले में जो भी लोग मेडिकल कॉलेज के भीतर या बाहर के शामिल हैं या अन्य कोई भीए सभी पर जल्द ही पुलिस शिकंजा कस लेगी और सभी जालसाल गिरफ्तार कर लिये जायेंगे। पुलिस पूरी गंभीरता से मामले पर काम कर रही है । ऐसी जालसाजी से छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा।

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