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इस बड़े देश में इस कारण बिना सैलरी के घर बैठने को मजबूर हुए लाखों कर्मचारी

नई दिल्ली, इस बड़े देश में इस कारण बिना सैलरी के घर बैठने को लाखों कर्मचारी मजबूर हुए. अमेरिका एक बार फिर से शटडाउन का सामना कर रहा है. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन और विपक्षी पार्टी के बीच यूएस-मेक्सिको बॉर्डर वॉल की फंडिंग पर सहमति न हो पाने की वजह से ये मुसीबत आई. सीमा सुरक्षा के लिए इस दीवार के लिए ट्रंप प्रशासन ने 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 35,000 करोड़ रुपयों का बजट दिया था, जो पास नहीं हो सका. इसके बाद ट्रंप प्रशासन को शटडाउन का सामना करना पड़ रहा है. इसके कारण शटडाउन की समस्या सुलझने तक लाखों सरकारी कर्मचारियों को बिना वेतन के ही घर बैठना होगा.

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डेमोक्रेट्स की सीनेट एप्रोप्रिएशन कमेटी के अनुसार लगभग सवा 4 लाख सरकारी कर्मचारी बिना वेतन के काम करने को मजबूर होंगे. क्रिसमस से पहले इस फैसले पर सबका गुस्सा भड़का हुआ है. इससे पहले भी अमेरिका में शटडाउन यानी बंदी की नौबत आती रही है. क्या है ये बंदी और किस तरह से मंदी से अलग है, इसपर एक पड़ताल. अमेरिका में एंटी-डेफिशिएंसी नाम का कानून है, जिसके तहत पैसों की कमी होने पर सरकारी कर्मचारियों को काम रोकना होता है.

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संसद में फंडिंग के किसी मसले पर रजामंदी न हो पाने पर ये नौबत आती है. इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को जरूरी और कम-जरूरी, इन दो समूहों में बांट दिया जाता है. पहली श्रेणी के कर्मचारी काम पर तो आते हैं, लेकिन उन्हें वेतन नहीं मिलता. वहीं दूसरी श्रेणी के कर्मचारी घर बिठा दिए जाते हैं, जब तक कि शटडाउन खत्म न हो जाए. इसके खत्म होने के बाद कर्मचारियों को उनका वेतन मिलता है और काम शुरू हो जाता है.

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यह शटडाउन अनिश्चितकाल के लिए चल सकता है, जिस दौरान कई सरकारी संस्थाओं पर ताला लटक जाता है. हालांकि कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाला जाता है, लेकिन उन्हें सेलरी भी नहीं दी जाती है. कुछ खास-खास विभागों के कर्मचारियों को आना होता है, लेकिन वे भी बाद में एकमुश्त वेतन पाते हैं, इन विभागों में रक्षा, फेडरल जेल और सोशल सिक्योरिटी जैसे विभाग शामिल हैं. वहीं पासपोर्ट, आयकर जैसे विभागों को कम-जरूरी या गैरजरूरी विभागों में रखा जाता है, जिसके बिना कुछ वक्त के काम चल सकता है.

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इस बार यूएस-मेक्सिको बॉर्डर वॉल की फंडिंग शटडाउन की वजह है. ये वॉल राष्ट्रपति ट्रंप का सपना है, जिसका वादा उन्होंने साल 2016 में चुनाव के दौरान भी किया था. बॉर्डर सिक्योरिटी के लिए बनाई जाने वाली ये दीवार खास तरीके से डिजाइन होगी, जिससे आर-पार तो देखा जा सकेगा, लेकिन जिसे पार करना बेहद मुश्किल होगा. सीमा पर सुरक्षा के लिए प्रस्तावित इस दीवार के लिए गुरुवार को 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का फंडिंग बिल पास कर दिया था.

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अगले दिन इस बारे में वोटिंग हुई तो डेमोक्रेट्स ने दीवार की बजाए फेंसिंग खड़ा करने की बात करते हुए ट्रंप का प्रस्ताव खारिज कर दिया. इस पर भड़के ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर दीवार के लिए फंडिंग मंजूर न हुई तो शनिवार से सरकार शटडाउन कर देगी. हालांकि इस बंदी का असर सोमवार से दिखेगा, जब सरकारी दफ्तर बेवजह बंद रखेंगे. ट्रंप ने ट्वीट भी किया था कि अगर डेमोक्रेट्स ने बॉर्डर सिक्योरिटी के लिए वोट नहीं किया तो सरकार काम नहीं करेगी.

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बिना पैसों के काम पर आने की वजह से कर्मचारियों में गुस्सा रहता है और सरकारी नौकरी में बने रहने की वजह से कर्मचारी दूसरी जगह काम भी नहीं खोज सकते हैं. इस वजह से शटडाउन में हजारों-लाखों लोग सरकार से नाराज रहते हैं. हालांकि अब तक सरकार के प्रति विद्रोह जैसे मामले देखने में नहीं आए हैं क्योंकि शटडाउन कभी लंबा नहीं खिंचा है, लेकिन बिना पगार घर रहने या बिना पगार दफ्तर आने की वजह से लोग सोशल मीडिया पर भड़ास निकालते रहे हैं.

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