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मिजोरम विधानसभा चुनाव- जानिये क्या हैं राजनैतिक समीकरण ?

नई दिल्ली, चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। पांचो राज्यों में वोटों की गिनती एक साथ 11 दिसंबर को होगी. इसी के साथ इन राज्यों में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है.

चुनाव आयोग ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की है. इन पांचों राज्यों में से तीन राज्यों मे बीजेपी की और मात्र एक राज्य मे कांग्रेस की सरकारें हैं. राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ मे बीजेपी और मिजोरम मे कांग्रेस की सरकार है जबकि तेलंगाना मे तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) की सरकार है. तेलंगाना मे मुख्यमंत्री टीआरएस के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव (केसीआर) हैं.

पूर्वोत्तर के मिजोरम में कुल 40 विधानसभा सीटे हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में इन 40 सीटों में से कांग्रेस को 34, एमएनएफ को 5 और और एमपीसी को 1 सीट मिली थी. पांच राज्यों मे यह एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां चुनाव होने हैं और जहां कांग्रेस गठबंधन की सरकार है.  प्रदेश के मुख्यमंत्री पुललथनहवला हैं, जो प्रदेश के कद्दावर नेता माने जाते हैं. वे 2008 से प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. वर्ष 2013 में भी इन्होंने पार्टी को बड़ी जीत दिलायी थी.

इस बार इन तीनों दल कांग्रेस, मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस(एमपीसी) के अलावा बीजेपी भी मैदान में अपनी किस्मत आजमाएगी. देशभर को कांग्रेसमुक्त करने का सपना देख रही भाजपा यहां कब्जा जमाना चाहती हैं. जबकि कांग्रेस और मिजोरम नेशनल फ्रंट राज्य में सत्ता की बागडोर छोड़ने के मूड में नजर नहीं आते। मिजोरम की करीब 95 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जनजाति तबके की है, जो इसे सर्वाधिक जनजातीय घनत्व वाला राज्य भी बनाती हैै। करीब 87 फीसदी मिजोरमवासी इसाई हैं। जबकि बौद्ध लगभग 8 फीसदी हैं, जो इन्हें सबसे बड़ा अल्पसंख्यक तबका साबित करते हैं।