Breaking News

एकबार फिर बीजेपी सरकार के लिये, पीएम मोदी को चुनाव विशेषज्ञ प्रशांत किशोर की दरकार

नई दिल्ली, भारतीय राजनीति में चाणक्य बनकर उभरे प्रशांत किशोर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम में शामिल हो सकते हैं। राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट है कि सन 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रशांत किशोर, नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। सूत्रों के अनुसार हाल ही में इन दोनों के बीच मुलाकात हो चुकी है। संभावना हैं कि प्रशांत एक बार फिर मोदी के चुनावी रथ के सारथी बन सकते हैं। पिछले कुछ सालों में प्रशांत किशोर ने राजनीति की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। सन 2012 में गुजरात विधानसभा चुनाव और फिर 2014 में लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की जीत के बाद प्रशांत किशोर पर सबकी नजरें पड़ी। लेकिन इसके बाद किन्हीं वजहों से प्रशांत और मोदी की राहें अलग हो गई।

आज भी दलितों के साथ जुड़ी हैं ये पाबंदियां, क्या मानसिक रूप से बीमार है हमारा समाज?

मुलायम सिंह यादव की परेशानी बढ़ी, योगी सरकार ने जांच के लिए गठित की स्पेशल टीम

बिहार में महागठबंधन को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद प्रशांत का कद सियासी दुनिया में काफी बढ़ गया। इसके बाद मोदी ने उनकी ओर एक बार फिर गंभीरता से लोकसभा चुनाव में मोदी टीम में प्रशांत किशोर की भूमिका पर विस्तार से चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार प्रशांत किशोर की मुलाकात भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भी हुई थी। प्रशांत किशोर के संबंध अमित शाह से अच्छे नहीं थे, यही वजह है कि किशोर ने भाजपा से संबंध तोड़ लिए थे। देखना शुरू किया। सूत्रों के अनुसार प्रशांत किशोर और नरेंद्र मोदी पिछले छह माह से एक दूसरे के साथ संपर्क में हैं। दोनों दिग्गजों के बीच सीधा संवाद हुआ है।

श्रीदेवी की मौत पर कई बड़े खुलासे, फॉरेंसिक रिपोर्ट से खुले राज

सूत्रों के अनुसार मोदी और किशोर के बीच हुई मुलाकात में किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका है। पिछले कुछ सालों में बहुत कुछ बदला, मोदी अब वह मोदी नहीं रहे जिनके लिए प्रशांत किशोर साल 2012 में काम किया करते थे। अब वह प्रधानमंत्री बन चुके हैं और देश के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। भाजपा भी वह भाजपा नहीं रही, जिसका कामकाज प्रशांत गांधीनगर से संभाला करते थे। सन 2014 के बाद मोदी लहर ने विकराल रुप ले लिया और भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी। वहीं प्रशांत भी वह युवक नहीं रहे जो नेताओं के दिशा निर्देशों का पालन किया करता था। भाजपा से अलग होने के बाद प्रशांत ने अपनी जगह बदलती राजनीति के नए चाणक्य के रुप में स्थापित की।

मायावती से किये लालू यादव के वादे को बेटे तेजस्वी ने निभाया, बीजेपी को लेकर हुआ बड़ा खुलासा

न्यायाधिशों की नियुक्ति मे कोलेजियम सिस्टम पर उठे सवाल, केन्द्रीय विधि मंत्री ने की समीक्षा की बात

जानिये क्या है श्रीदेवी की जान लेने वाला कार्डियाक अरेस्ट, क्या अंतर है हार्ट अटैक से

किशोर अगर दोबारा भाजपा के साथ काम करते हैं, तो जाहिर है कि वह सीधे पीएम मोदी के प्रचार अभियान की कमान संभालेंगे। भाजपा अब मजबूत स्थिति में है। प्रशांत को जिम्मेदारी दी जाएगी कि वह समर्थन को वोट में तब्दील करें। मोदी एंड टीम से अलग होने के बाद किशोर, नीतीश कुमार के संपर्क में आए और बिहार में महागठबंधन की बिसात बिछाई। जिसके आगे खुद भाजपा को घुटने टेकने पड़े थे। इसके बाद सन 2016 में किशोर कांग्रेस के साथ जुड़ गए। जहां उनका प्रदर्शन मिला जुला रहा। पंजाब में तो कांग्रेस के सिर पर जीत का ताज पहना दिया, लेकिन उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने के बावजूद कुछ कमाल नहीं दिखा पाए। हाल ही में आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस के लिए काम रहे थे। जहां उनको जगन मोहन रेड्डी के चुनावी अभियान की जिम्मेदारी दी गई थी।

गृह प्रदेश मे दलित उत्पीड़न की वीभत्स घटनायें, क्यों चुप हैं राष्ट्रपति ?

 राहुल गांधी भी करेंगे जनता से बात, लेकिन ‘मन की बात’ नहीं ‘काम की बात’

राहुल गांधी ने कांग्रेस के युवा और छात्र संगठन मे किया भारी फेरबदल

मोदी राज मे, एक और बैंक घोटाला, पिछले छह महीने तक दबाये बैठी रही सीबीआई

राज्यसभा की 58 सीटों के लिये 23 मार्च को होगा चुनाव, यूपी से सबसे ज्यादा सीटें

जानिये, पीएम मोदी क्यों हैं, दुनिया के सबसे महंगे चौकीदार…

मायावती ने किया बड़ा खुलासा, बताया-बीजेपी कैसे दलितों-पिछड़ों का आरक्षण समाप्त कर रही..

भीम आर्मी चीफ के साथ ज्यादती का अनूठा विरोध, भाजपा के खिलाफ बढ़ रहा दलित आक्रोश