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यूपी पुलिस की दरिंदगी का शिकार ओंकेश यादव, थाने पर पीट-पीटकर मार डाला

लखनऊ, निरंकुश यूपी पुलिस की बर्बरता का शिकार एक और युवा ओंकेश यादव हो गया।

 सूत्रों के अनुसार,  पुलिस ने उसे थाने पर ही पीट-पीटकर मार डाला।

जनपद मऊ मेें 27 वर्षीय ओंकेश यादव पुत्र श्री रामधारी यादव ग्राम तिलई खुर्द लाखीपुर थाना घोसी की पुलिस द्वारा बैटरी चोरी मामले मे 3

दिन तक थाना पर रखकर पीट-पीटकर मार डाला गया।

मृतक के परिजनों और रिश्तेदारों ने कोतवाली प्रभारी नीरज पाठक और सीओ घोसी श्वेता आशुतोष ओझा पर आरोप लगाया है।

 सूत्रों के अनुसार, पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए युवक की रविवार की रात में थाने में पूंछताछ के दौरान हुयी निर्मम पिटाई से मौत हो गई।

पुलिस उसे लेकर अस्पताल पहुंची तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मौत की पुष्टि होते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।

पुलिस तत्काल उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए लेकर जनपद मुख्यालय पहुंची और उच्चाधिकारियों को सूचित किया।

मामला घोसी कोतवाली का है।

मऊ के जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने सोमवार को आनन फानन प्रेस वार्ता का आयोजन करके

पुलिस  कस्टडी में युवक की मौत के मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी दी।

डीएम ने बताया कि घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

घटना की जांच एसडीएम घोसी निरंकार सिंह को दी गई।

उनसे मामले की जांच करके एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा गया है।

कोतवाली प्रभारी नीरज पाठक लाइन हाजिर कर दिया गया है।

परिजनों और रिश्तेदारों द्वारा सीओ पर आरोप लगाने का हवाला देते हुए पूछे गए एक सवाल के जवाब में एसपी ने कहा कि सीओ घोसी श्वेता

आशुतोष ओझा की भूमिका की भी जांच कराई जाएगी।

एएसपी एसके श्रीवास्तव सीओ और कोतवाल की भूमिका की जांच करेंगे।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  अखिलेश यादव ने  दोषियों की गिरफ्तारी, पीड़ित परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने और मृृतक आश्रितों को 20-20 लाख रूपए का मुआवजा देने की मांग की है।

वहीं अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा ने मानवाधिकार आयोग से सख्त कार्यवाही कर दोषी अधिकारियोंं को

जेल भेजने की मांग की है।

ओंकेेश की मौत से उसकी पत्नी संगीत उर्फ सुधा के साथ उसके माता,पिता रामधारी यादव 70 का रोते रोते बुरा हाल था।

मृतक अपने माता पिता का इकलौता पुत्र था।

साथ ही वह अपने चाचा सेवानिवृत्त सिंचाई कर्मी रिखई यादव का भी वारिस था।

मृतक के  तीनों पुत्र किशन,लकी,इशू की पथराई आँखें पूछ रही थीं कि आखिर उसके पापा को पुलिस ने क्यों मार डाला।