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यूपी के इतने जिलों मे तब्लीगी जमात के लोग चिन्हित, सीएम योगी ने दिये ये निर्देश ?

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के कई जिलों मे तब्लीगी जमात के लोग चिन्हित किये गयें हैं।

जिसके लिये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष निर्देश दियें हैं।

अब तक प्रदेश में तब्लीगी जमात के कुल 1302 लोग चिन्हित किये गये हैं, जिसमें मेरठ में 307, बरेली में 148, वाराणसी में 242, कानपुर में 133, लखनऊ में 83, आगरा में 115, प्रयागराज में 51, गोरखपुर में 230, लखनऊ कमिश्नरेट में 23, गौतमबुद्ध नगर में 70 लोग पाये गये हैं।

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सूत्रों के अनुसार, जमात के 1000 लोगों को क्वारेंटाइन में रखा गया है। जमात में 306 विदेशी नागरिकों में से 228 लोगों के पासपोर्ट जब्त किये गये हैं और 36 एफआईआर दर्ज की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि जमात में सम्मिलित होने वाले लोग, जिनकी जांच पाॅजिटिव आई है, उनके उपचार में कोई कमी न हो तथा उन्हें सघन निगरानी में रखा जाये।

प्रेसवार्ता के दौरान प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि अभी तक प्रदेश में कोरोना के 227 मामले पाॅजिटिव पाये गये हैं, जिसमें 94 मामले तब्लीगी जमात के पाये गये हैं। 21 मरीज पूर्णतया स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किये जा चुके हैं, शेष सभी विभिन्न चिकित्सालयों में उपचाराधीन हैं और उनकी हालत स्थिर है। वर्तमान में 08 टेस्टिंग लैब क्रियाशील हैं तथा आईसीएमआर की स्वीकृति के बाद झांसी मेडिकल काॅलेज में भी टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी।

उन्होंने बताया कि अन्य जनपदों में जहां से अभी तक केस नहीं आये हैं वहां पर भी लगातार सर्विलांस के निर्देश दिये गये हैं।

उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के 50 अस्पतालों को भी कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है, आवश्यकता पड़ने पर प्रथम फेज में 22 निजी चिकित्सालयों को 05 दिन के नोटिस पर कोविड अस्पताल के रूप में उपयोग में लाया जायेगा।

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उन्होंने यह भी बताया कि विदेशों से आये हुए 57963 लोगों में से 41506 लोग क्वारेंटाइन की 28 दिन की अवधि पूर्ण कर चुके हैं।

अपर मुख्य सचिव, गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सभी जनपद के जिलाधिकारी अपने-अपने कन्ट्रोल रूम का निरन्तर निरीक्षण करते हुए स्वयं अनुश्रवण करें।

जिलाधिकारी जनपद के ‘हाॅट-स्पाॅट’ को चिन्हित करके सेनेटाइज्ड कराएं ताकि संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके।

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