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अखिलेश यादव के खिलाफ पोस्टर वार शुरू, पूछा जा रहा ये बड़ा सवाल?

आजमगढ़, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ पोस्टर वार शुरू हो गया है। पोस्टर के द्वारा अखिलेश यादव से सवाल किया  गया है।

कांग्रेस ने सपा मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ पोस्टर वार शुरू कर दिया है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग की  ओर से शहर में पोस्टर लगाए गए हैं।

आजमगढ़ मे बिलरियागंज की घटना पर सियासत अब तेज हो गई है।

समाजवादी पार्टी ने पहले दिन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर सरकार को घेरा था।

लेकिन  कांग्रेस ने तो  सपा मुखिया को ही घेर लिया है।

इसमें कांग्रेस ने सवाल किया है कि बिलरियागंज मे सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम महिलाओें पर पुलिसिया बर्बरता

पर अखिलेश यादव क्यों चुप हैं।

इस पर भी सवाल उठाया गया है कि अखिलेश यादव 2019 के चुनावों के बाद से आजमगढ़ से लापता हैं।

पोस्टर पर अखिलेश यादव की फोटो लगाई गई है और फोटो के मुंह पर पट्टी लगाई गई है।

कांग्रेस के पोस्टर वार को सियासी नजरिए से देखा जा रहा है, क्योंकि सपा मुसलमानों की हमेशा हितैषी होने का दावा करती रही है।

आजमगढ़ जिले मे बीते मंगलवार की दोपहर बिलरियागंज कस्बे के जौहर अली पार्क में ‘शाहीन बाग’ की तर्ज पर सीएए के विरोध में धरना प्रदर्शन शुरू हुआ। जिसमें तमाम महिलाएं, बच्चे व पुरुष शामिल थे। देर रात पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने लोगों को धारा 144 का हवाला देकर धरना समाप्त करने के लिए कहा। लेकिन लोग नहीं माने तो पार्क में पानी भर दिया गया। जिसके बाद लोग नाराज हो उठे और बुधवार को पार्क के सामने रोड पर उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया।

उसके बाद पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लेते हुए बल प्रयोग कर लोगों को तितर-बितर किया। धर्मगुरू सहित सहित अन्य प्रदर्शकारियों को हिरासत में लिए जाने के बाद शिब्ली नेशनल कालेज के छात्र उग्र हो गए। लोगों का कहना है कि लगातार शांति पूर्ण विरोध कर रही महिलाओं पर पुलिस ने अत्याचार किया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि, पुलिस ने जौहर पार्क में प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर लाठीयां भांजी। जिसमें कई महिलाएं घायल हुई हैं। वहीं पुलिस ने लाठीचार्ज जैसी कार्रवाई को नकारा है।

 बिलरियागंज में  सीएए व एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए हंगामे व पथराव के मामले में पुलिस ने मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना ताहिर मदनी व एक महिला समेत 19 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, फरार उलेमा कौंसिल के नेता नुरूल होदा, ओसामा और मिर्जा शाह पर 25-25 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया गया है। पुलिस का दावा है कि, सीएए के विरोध प्रदर्शन के जरिए जिले में दंगा भड़काने की साजिश रची गई थी।