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फर्जी मुठभेड़ मे पुष्पेंद्र यादव की हत्या करने का आरोप, कोई आपराधिक रिकार्ड नही

झांसी, पुलिस मुठभेड़ मे मारे गये पुष्पेंद्र यादव को लेकर, एकबार फिर यूपी पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ की कहानी रचकर हत्या करने का आरोप लगा है। 

सूत्रों के अनुसार, मारे गये पुष्पेंद्र यादव के परिजनों का आरोप है कि  शनिवार रात मोंठ इंस्पेक्टर पर गोली

चलाने वाले आरोपी खनन माफिया जिस पुष्पेंद्र यादव को पुलिस मुठभेड़ मे गोली लगने से मृत बता रही है, यह

यूपी पुलिस की बनाई हुई कहानी है। दरअसल, मारे गये पुष्पेंद्र यादव का कोई आपराधिक रिकार्ड नही है।

पोस्टमार्टम हाऊस पर भारी संख्या मे लोग जमा हो गयें हैं और फर्जी पुलिस मुठभेड़ मे मारे गये पुष्पेंद्र यादव का

शव दिये जाने की मांग कर रहें हैं।

लोगों मे पुलिस को लेकर आक्रोश व्याप्त है।

लोगों का कहना है कि पैसों को लेकर लेन देन में, मोंठ थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह चौहान ने पुष्पेंद्र यादव की हत्या

कर दी है और खुद को बचाने के लिये अपने ऊपर किये गये फायर की फर्जी कहानी गढ़ी है।

परिजनों ने पुलिस वालों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा के महासचिव अशोक यादव ने कहा कि योगी सरकार मे अब तक बड़ी

संख्या मे लगातार यादवों की हत्यायें की जा रही है।

उन्होने कहा कि पुष्पेंद्र यादव का कोई आपराधिक रिकार्ड नही है, वह बिजनेस कर अपने परिवार का पेट पाल

रहा था।

अशोक यादव ने फर्जी मुठभेड़ मे शामिल सभी पुलिस वालों के खिलाफ 302 का मुकदमा दर्ज करने की मांग

की।

उन्होंने चेतावनी दी कि दोषियों को बचाने वाले अफसरों को भी बख्शा नही जायेगा।

जबकि पुलिस के अनुसार बताया जा रहा है कि मोंठ थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह चौहान ने दो दिन पहले अवैध खनन

के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक ट्रक सीज कर दिया था। इससे माफिया खुन्नस खास हुए थे। इंस्पेक्टर धर्मेंद्र

दो दिन की छुट्टी पर कानपुर गए थे। शनिवार रात वे वापस मोंठ आ रहे थे। खनन माफिया पुष्पेंद्र यादव ने

इंस्पेक्टर धर्मेंद्र को फोन कर मिलने के लिए कहा। इंस्पेक्टर ने मोंठ से पहले हाईवे पर मिलने के लिए कहा। यहां

जैसे ही इंस्पेक्टर कार से पहुंचे, तभी माफिया ने फायर कर दिया। गोली बगल से निकल गई।

लेकिन, छर्रे लगने से इंस्पेक्टर घायल हो गए। इसके बाद माफिया इंस्पेक्टर की कार लूटकर फरार हो गया।

घटना के बाद डीआईजी सुभाष सिंह बघेल, एसएसपी डॉ. ओपी सिंह समेत कई थानों का पुलिस बल मौके पर

पहुंचा। घायल इंस्पेक्टर को मेडिकल कॉलेज, झांसी में भर्ती करवाया गया।

वारदात के बाद पूरे इलाके में नाकेबंदी कर दी गई।

तभी गुरसरांय इलाके में माफिया पुष्पेंद्र यादव से पुलिस का आमना-सामना हो गया।

पुलिस को देखकर पुष्पेंद्र ने फायर किया। जवाबी फायरिंग में गोली लगने से पुष्पेंद्र घायल हो गए।

उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

आक्रोशित लोगों की प्रतिक्रियाओं से यह स्पष्ट है कि यूपी मे फर्जी मुठभेड़ों का सिलसिला बदस्तूर जारी है।

लखनऊ के विवेक तिवारी और नोयडा के जितेंद्र यादव के फर्जी मुठभेड़ की कहानी अभी ठंडी नही हुयी कि

यूपी पुलिस पर एक और युवा की फर्जी मुठभेड़ दिखाकर हत्या करने के आरोप लग रहें हैं।