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लोगों को घर पहुंचाने की रेलवे ने बनायी बड़ी योजना: विनोद यादव, अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड

नयी दिल्ली , लोगों को घर पहुंचाने की रेलवे ने बड़ी योजना बनायी है। यह जानकारी अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड विनोद कुमार यादव ने दी।

भारतीय रेलवे ने एक मई को शुरु हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के 2600 से अधिक फेरों में लगभग 46 लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया तथा अगले दस दिनों में करीब 47 लाख और यात्रियों को पहुंचाने की योजना तैयार कर ली है।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्य सरकारों के साथ समन्वय करके चलायी जा रहीं इन गाड़ियों को तब तक चलाया जाता रहेगा जब तक इनकी मांग की जाती रहेगी। देश के प्रत्येक रेल मंडल मुख्यालय पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए आपात रैक तैयार खड़े हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों एवं स्थानीय प्रशासन की मांग पर भारतीय रेल देश के किसी भी स्टेशन से कम से कम समय में श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए तैयार है।

विनोद कुमार यादव ने कहा कि भारतीय रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के बाद 12 मई से शुरू की गयीं 15 जोड़ी स्पेशल ट्रेनों के अलावा एक जून से 30 जून तक 200 से अधिक गाड़ियों को शुरू करने की घोषणा की है। उनके लिए अब तक 17 लाख से अधिक टिकट बुक हो चुके हैं जो कुल उपलब्ध सीटों का करीब 30 फीसदी है।

उन्होंने बताया कि रेलवे के अधिकतम बुकिंग विंडो खुल चुकीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे राज्य सरकारों के साथ मिल कर यात्रियों के लिए घोषित हेल्थ प्रोटोकाॅल का पूरी तरह से पालन कर रही है। इसीलिये गाड़ियों को उन्हीं जगह रोका जा रहा है जहां उस प्राेटोकाॅल के अनुपालन की व्यवस्था हो।

उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे ने अनारक्षित यात्रा को पूरी तरह से बंद कर दिया है। वेटिंग एवं आरएसी टिकट का मतलब सोशल डिस्टेंसिंग से समझौता करना नहीं है और आरएसी टिकट उन्हीं को जारी किया जाएगा जिनकी सीट कन्फर्म हो सके।

उन्होंने इस बात का खंडन किया कि रेलवे अधिक किराया ले रही है। उन्होंने कहा कि रेलवे वही किराया ले रही है जो लॉक डॉउन के पहले लेती थी। कुछ रियायतों को अभी इसलिये स्थगित किया गया है क्योंकि रेलवे इस समय गैरजरूरी यात्रा को हतोत्साहित करना चाहती है।