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धूम्रपान करने वाले हो जायें सावधान, कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा ?

नयी दिल्ली , कोरोना संक्रमण के खतरा को लेकर धूम्रपान करने वालों के लिये गंभीर चेतावनी है, क्योंकि उन्हे कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है ?

काेरोना वायरस श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है। क्योंकि धूम्रपान करने वालों के फेफड़े और श्वसन तंत्र में पहले से ही दिक्कतें रहती हैं, इस कारण से धूम्रपान करने वालों में कोरोना का संक्रमण के गंभीर होने का खतरा अन्य लोगों की तुलना में बढ़ जाता है। ऐसे लोगों को सांस लेने में ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एवं रिसर्च सेंटर (आरजीसीआईआरसी) के डायरेक्टर सर्जिकल ओनकोलॉजी डॉ. ए.के दीवान ने आज यह बात कही। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का हवाला देते हुये कहा कि तंबाकू का इस्तेमाल कोविड-19 बीमारी के लक्षणों के गंभीर होने का खतरा बढ़ा देता है। धूम्रपान नहीं करने वालों की तुलना में, धूम्रपान करने वाले मरीजों पर कोविड-19 के दुष्प्रभाव का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे लोगों को आईसीयू में भर्ती करने, वेंटीलेटर पर रखने की जरूरत ज्यादा होती है और स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है।

डॉ. दीवान ने कहा कि यह भी देखने में आया है कि कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों में ऐसे लोग ज्यादा हैं, जिनका धूम्रपान से सीधा संबंध रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि धूम्रपान से दिल, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, क्रोनिक रेस्पिरेटरी डिजीज या कैंसर जैसी कोई बीमारी का खतरा बढ़ जाता है और ऐसे मरीज कोविड-19 के गंभीर लक्ष्णों को सहन नहीं कर पाते। इसलिए इस स्वास्थ्य संकट के दौरान धूम्रपान छोड़ना बहुत जरूरी है।

डॉ. दीवान ने कहा कि मुंह के कैंसर का अहम रिस्क फैक्टर होने के साथ ही चबाने वाले तंबाकू कोविड-19 के प्रसार में भी भूमिका निभाते हैं। तंबाकू चबाने से ज्यादा लार बनती है और लोग सार्वजनिक स्थानों पर थूकते हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने भी लोगों को इस बारे में चेतावनी दी है कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से कोविड-19 वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसी कारण से सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर थूकना प्रतिबंधित किया है।

आरजीसीआईआरसी के थैरैसिक ओनकोसर्जरी के प्रमुख डॉ. एल.एम डारलोंग के मुताबिक तंबाकू भारत में कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। पुरुषों में होने वाले करीब 40 प्रतिशत और महिलाओं में होने वाले 20 प्रतिशत कैंसर का संबंध तंबाकू से है। इनमें फेफड़े का कैंसर, सिर और गर्दन कैंसर तथा मुंह के कैंसर का सीधा संबंध तंबाकू के इस्तेमाल से है। वहीं फेफड़े के कैंसर के 80 प्रतिशत मामले भी इसी के कारण होते हैं।