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अजमेर मे दरगाह के बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया जायेगा उर्स का झंडा

अजमेर,  राजस्थान में अजमेर के विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 808 वें सालाना उर्स का झंडा कल दरगाह के 85 फीट ऊंचे बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया जायेगा ।

झंडे की परम्परागत रस्म को निभाने भीलवाड़ा के लाल मोहम्मद गौरी परिवार के सदस्य मंगलवार की रात अजमेर पहुंच गये। गुरुवार को असर की नमाज के बाद करीब 5.30 बजे झंडे का जुलूस दरगाह गेस्ट हाऊस से पूरी शान – ओ -शौकत के साथ शुरू होगा जो लंगरखाना गली होते दरगाह के निजामगेट से प्रवेश करके बुलंद दरवाजे पहुंचकर करीब सात बजे झंडा चढ़ाने की रस्म रोशनी से पहले पूरी कर ली जायेगी। इस दौरान दरगाह के पीछे पीर साहब की पहाड़ी से 21 तोपों की सलामी भी दी जायेगी। झंडे की तारीख को देखते हुए दरगाह को विशेष रोशनी से सजाया गया है ।

झंडे की परम्परागत रस्म गौरी परिवार के पोते फखरुद्दीन गौरी एवं सैय्यद मारूफ अहमद की ओर से अता की जायेगी। इससे पहले झंडे को चूमने के लिये हजारों मुस्लिमों में होड़ बनी रहती है और धक्का मुक्की का आलम देखा जाता है । इस्लामिक कलैन्डर जमादि उस्मानी माह की 25 तारीख को झंडा चढ़ाने की परम्परा चली आ रही है, इस नाते अंग्रेजी तारीख 20 फरवरी को झंडा चढ़ाये जाने के साथ ही उर्स का अनौपचारिक तौर पर आगाज हो जायेगा। रजब महीने का चांद दिखाई देने पर 24 या 25 फरवरी से उर्स की विधिवत शुरुआत होगी और आम जायरीनों के लिये जन्नती दरवाजा भी खोल दिया जायेगा ।