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यूपी पुलिस के दरोगा और सिपाही ने, गोली मारकर की आत्महत्या

 उत्तर प्रदेश  में अलग-अलग स्थानों पर एक सब-इंस्पेक्टर और एक सिपाही ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। सब-इंस्पेक्टर ने गाजियाबाद के कवि नगर थाना क्षेत्र में गोली मारकर खुदकुशी की, जबकि सिपाही बिजनौर कलेक्ट्रेट परिसर में तैनात था। दोनों ही मामलों की जांच जारी है।

 स्वतंत्रता दिवस तथा रक्षाबंधन की रात में  गाजियाबाद कविनगर थाना क्षेत्र के संजयनगर में दरोगा मधुप सिंह ने अपने आवास पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली।

मधुप सिंह बागपत के बलेनी थाना में एसएसआई के पद पर तैनात थे। दारोगा ने पिस्टल से गोली मार ली है।

दारोगा के आत्महत्या करने की सूचना पर गाजियाबाद के एसएसपी मौके पर पहुंच गए हैं और मामले की जांच की जा रही है।

दारोगा मधुप सिंह 26 अगस्त 2017 से बागपत में तैनात थे।

फिलहाल 24-01-2019 से बालैनी थाना एसएसआइ के पद पर कार्यरत थे।

इससे पहले वह खेकड़ा थाना रहे।

वह गुरुवार शाम थाने से गाजियाबाद गए थे।

बिजनौर में कलक्ट्रेट में ड्यूटी पर तैनात सिपाही अंकुर राणा ने अपनी सरकारी रायफल से गोली मारी ली।

मौके पर ही उसकी मौत हो गई। वह बागपत जिले के निरपुडा का निवासी था।

सिपाही ने गोली मुँह में मारी। जिसके कारण वह सिर से होकर निकल गई।

सिपाही काफी तनाव में बताया जा रहा था।

 

सिपाही के आत्महत्या करने की सूचना पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

यहां पर प्रारंभिक जांच में सामने आया कि उसका पत्नी से मनमुटाव चल रहा था फरवरी में उसकी शादी हुई थी।

परिवार के लोगों को सूचना दे दी गई है।

अब परिजनों के आने के बाद ही सही कारण स्पष्ट हो पाएगी।

अंकुर राणा 2016 में पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर भर्ती हुआ था।

गत 14 अगस्त को घर से ड्यूटी पर गया था।

छह माह पूर्व उसकी शादी हुई थी।

पत्नी अधिकांश बीमार रहती है और फिलहाल बसी गांव में अपने मायके में है।

कुछ समय पूर्व उसका पेट का ऑपरेशन हुआ था।

ग्राम प्रधान पुत्र निश्चय राणा ने बताया कि पत्नी की बीमारी को लेकर ही अंकुर तनाव में रहता था।

घटना से परिवार में कोहराम मचा हुआ है।

दोनों घटनाओं पर डीजीपी ओ0 पी सिंह ने दुख जताया है और कहा है कि पुलिस कर्मियों के तनाव को दूर करने के लिये विशेष उपाय किये जायेंगे।