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यूपी बनेगा सौर ऊर्जा के उत्पादन का हब

लखनऊ ,  उत्तर प्रदेश  सौर ऊर्जा के उत्पादन का हब बनेगा। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने  कहा कि जनसंख्या घनत्व के मामले में अव्वल यह राज्य सौर ऊर्जा के उत्पादन का हब बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

श्री शर्मा ने कहा कि 2022 तक सौर ऊर्जा से 10,700 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 6,400 मेगावाट का उत्पादन बड़ी परियोजनाओं से और 4,300 मेगावाट का उत्पादन ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप की मदद से किया जाएगा। 2030 तक इसे बढ़ाकर क्रमशः 15,000 मेगावाट और 8,500 मेगावाट किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होने कहा कि किसानों को आत्म निर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार ने तीन साल में 18,823 किसानों को सोलर पंप दिए हैं। सरकार किसानों के डीजल पम्पसेट्स को सोलर पम्पसेट्स में बदलने का अभियान भी शुरू करने जा रही है। इसके तहत 2030 तक एक लाख डीजल पम्पसेट्स को सोलर पम्पसेट्स से बदलने का भी लक्ष्य रखा गया है। वहीं एक लाख किसानों के यहां ग्रिड कनेक्टेड सोलर पंप स्थापित किये जायेंगे।

मंत्री ने कहा कि अभी तीन हार्सपावर तक के सोलर पंप कनेक्शन पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा क्रमशः 45 एवं 30 फीसदी, पांच हार्सपावर के कनेक्शन 30-30 फीसदी का अनुदान भी दिया जा रहा है। शेष 40 फीसदी राशि के लिए नाबार्ड एवं अन्य संस्थाओं की भी मदद ली जा रही है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में 16 हजार सोलर पम्प स्थापित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।

उन्होने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कुसुम ए योजना के तहत वह अपनी भूमि पर 500 किलोवाट से लेकर दो मेेगावाट क्षमता तक के सोलर पावर प्लान्ट लगवा सकते हैं। इससे उत्पादित बिजली सरकार 3.10 रूपये प्रति यूनिट की दर से खरीदेगी। जल्द ही सरकार इसके लिए प्रस्ताव मांगेगी। 2030 तक 1000 मेगावाट की क्षमता के ऐसे प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

श्री शर्मा ने कहा कि घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को भी सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना पर राज्य और केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है। अब तक 187.16 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफ टॉप प्लांट लगवाए जा चुके हैं। तीन किलोवॉट तक के प्लांट पर केंद्र सरकार द्वारा 40 प्रतिशत, इससे ऊपर की क्षमता के प्लांट पर 20 फीसदी तथा राज्य सरकार द्वारा प्रति किलोवॉट 15 हजार व अधिकतम 30 हजार रूपये की सहायता दी जा रही है।

उन्होने कहा कि मौजूदा समय में सरकार ने 5500 करोड़ से अधिक की विभिन्न योजनाओं में अब तक 1657 मेगावाट की परियोजनाओं की स्वीकृति दी है इसमें 946 MW की परियोजनाए स्थापित की जा चुकी है। इसमें सोनभद्र की रिहंद जल विद्युत परियोजना में 750 करोड़ की लागत से 150 मेगावाट क्षमता के देश के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट भी शामिल है। जिससे मार्च 2021 से विद्युत उत्पादन भी शुरू हो जाएगा।