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बीएचयू – छात्राओं पर पुलिस लाठी चार्ज की बरसी पर, फिर हुआ बवाल

वाराणसी,  काशी हिंदू विश्वविद्यालय में गत वर्ष 23 सितंबर को छात्राओं पर हुई श्बर्बर पुलिस कार्रवाई की बरसी पर उसके खिलाफ आयोजित छात्र-छात्राओं के नुक्कड़ नाटक एवं सभा के दौरान दो गुटों के बीच जमकर झड़पें हुईं।

विश्वविद्यालय एवं पुलिस सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने बवाल को देखते हुए हल्का बल प्रयोग कर मामले को शांत कराया। बवाल बढ़ने की आशंका के मद्देनजर मुख्य द्वार पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है जबकि बीएचयू परिसर के अंदर महिला महाविद्याल के आसपास विश्वविद्यालय के दर्जनों सुरक्षाकर्मियों ने घेरा डाल दिया है।

आंदोलनकारी छात्र.छात्राओं का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की सह पर सत्ताधारी दल से जुड़े कुछ युवकों ने शांतिपूर्ण सभा करने पहुंचीं छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार किया तथा गंदी गालियां दीं और कईयों के साथ मारपीट की गई। विरोध सभा करने पहुंचीं छात्राओं ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और बीएचयू प्रशासन के खिलाफ नारे लगाये एवं प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि लाठी चार्ज की घटना के एक साल बीतने के बाद भी आरोपियों को सजा नहीं दी गई है। प्रशासन को बर्बर घटना को याद दिलाने के उद्देश्य से आज सभा आयोजित की गई थी।

गौरतलब है कि 2017 में सितंबर के आखिरी सप्ताह में विश्वविद्यालय परिसर में एक स्नातक की छात्रा के साथ कथित छेड़छाड की घटना के बाद यहां की हजारों छात्राओं ने कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया था। 23 सितंबर की रात धरना.प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं पर विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों एवं उत्तर प्रदेश पुलिस के कई जवानों ने कथित तौर पर लाठी चार्ज किया था। इस घटना में अनेक छात्राएं घायल हो गई थीं।

छात्राओं के लगातार बढ़ते विरोध के बीच चीफ प्रॉक्टर समेत अनेक लोगों को उनके पदों से हटा दिया गया था जबकि तत्कालीन कुलपति प्रो0 जी सी त्रिपाठी को अपने कार्यकाल के आखिरी दो महीने छुट्टी पर जाना पड़ा था।