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हवाई जहाज की बीच की सीट पर भी बैठेंगे यात्री, डीजीसीए ने जारी किये अतिरिक्त दिशा-निर्देश ?

नयी दिल्ली , अब हवाई जहाज की बीच की सीट पर भी यात्री बैठेंगे , नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इसके लिये अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

नागरिक उड्डयन नियामक ने उच्चतम न्यायालय की एक टिप्पणी के आलोक में रविवार को जारी आदेश में यात्री उड़ानों के लिए अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी किये। उसने कहा कि जहाँ तक संभव हो बीच की सीट खाली रखी जानी चाहिये, हालाँकि एक साथ बैठने वाले सभी यात्रियों के एक ही परिवार का सदस्य होने पर यह जरूरी नहीं होगा।

यदि यात्रियों की संख्या अधिक है और बीच की सीट खाली रखना संभव नहीं है तो बीच की सीट पर बैठने वाले यात्री को पूरे शरीर को ढँकने वाला गाउन दिया जायेगा जो कपड़ा मंत्रालय के मानकों के अनुरूप होगा। सभी यात्रियों को एयरलाइंस द्वारा तीन परत वाला मास्क, फेस शील्ड और पर्याप्त मात्रा में सेनिटाइजर देना भी अनिवार्य किया गया है।

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने विमान सेवा कंपनियों से यात्रियों को विसंक्रमण सुरंग से होकर विमान में प्रवेश देने का विकल्प तलाशने और उड़ान के दौरान पानी भी नहीं देने का आदेश दिया है।

डीजीसीए ने विमान के अंदर यात्रियों को पानी दिये जाने पर भी पाबंदी लगा दी है। उसने कहा है कि सिर्फ चिकित्सा आपात स्थिति में ही यात्रियों को एयरलाइंस की तरफ से पानी दिया जाना चाहिये। विमान में खाना परोसे जाने पर पहले से ही रोक लगी हुई है।

‘वंदे भारत मिशन’ के तहत विशेष उड़ानों में बीच सीट खाली रखने की माँग को लेकर दायर एक विशेष अनुमति याचिका की सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने कहा था “याचिका पर फैसला आने तक डीजीसीए वाणिज्यिक पहलुओं की बजाय आम लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये नियमों में जो भी बदलाव जरूरी हैं उसे लागू करने के लिए स्वतंत्र है।”

शीर्ष अदालत की इस टिप्पणी के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 26 मई को विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था। समिति की सिफारिशों के आधार पर डीजीसीए ने अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

विमान सेवा कंपनियों को आदेश दिया गया है कि वे बोर्डिंग के समय यात्रियों को विसंक्रमित करने वाले एक सुरंग से होकर प्रवेश देने के विकल्प पर विचार करें। हालाँकि इसमें यात्रियों के स्वास्थ्य पर संभावित प्रतिकूल प्रभावों को ध्यान में रखने की सलाह दी गयी है।

इसके अलावा विमान को नियमित रूप से विसंक्रमित करने, चालक दल के सदस्यों की नियमित स्वास्थ्य जाँच और किसी यात्री या चालक दल के सदस्य के कोविड-19 संक्रमित पाये जाने पर विमान को पूरी तरह संक्रमण मुक्त करने का भी आदेश दिया गया है।