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क्या बीजेपी अब डूबता हुआ जहाज ?, एक माह मे इस दूसरी पार्टी ने भी छोड़ा साथ

लखनऊ, केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की स्थिति अब डूबती हुये उस जहाज की तरह हो गई है, जिसे उस पर ही सवार लोग 2019 के लोकसभा चुनाव मे डूबता हुआ जहाज मानकर छोड-छोड़कर भाग रहें हैं।

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भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने छोड़ दिया है। इस महीने बीजेपी और एनडीए छोड़ने वाली यह दूसरी पार्टी है। इससे पहले तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने भी इसी महीने एनडीए छोड़ दिया था और बीजेपी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया था।

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जीजीएम के नेता एल एम लामा ने बीजेपी की की अगुवाई वाले एनडीए छोड़ने का एलान करते हुए कहा कि उनकी पार्टी का बीजेपी और एनडीए से कोई नाता नहीं रहा। उन्होंने  बीजेपी पर गोरखा लोगों को धोखा देने का आरोप  लगाया है। माना जा रहा है कि जीजेएम ने पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष के बयान से आहत होकर एनडीए छोड़ने का फैसला किया है।

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लामा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा करते थे कि गोरखा लोगों का जो सपना है वो हमारा सपना है लेकिन दिलीप घोष के बयान ने पीएम के इस बयान और बीजेपी की नीयत पर से पर्दा उठा दिया है। दिलीप घोष ने हाल ही में कहा है कि गोरखा जमनुक्ति मोर्चा से बीजेपी का सिर्फ चुनावी गठबंधन है। इसके अलावा इस पार्टी से किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर कोई समझौता नहीं हुआ है।

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लामा के मुताबिक दिलीप घोष के इस बयान से गोरखा समुदाय अपने को ठगा महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग ना तो गोरखा की समस्याओं के प्रति संवेदनशील हैं और ना ही सजग। लाना मे कहा कि हमने गठबंधन धर्म निभाते हुए पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग संसदीय सीट दो बार बीजेपी को उपहार में दे दी। साल 2009 में यहां से बीजेपी के जसवंत सिंह को और साल 2014 में एस एस अहलूवालिया को जीत दिलाई।

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लामा ने कहा कि दार्जिलिंग सीट पर बीजेपी उम्मीदवार को जिताने से हमें उम्मीद थी कि गोरखाओं की समस्याएं सुलझाने में बीजेपी मदद करेगी लेकिन बीजेपी ने ऐसा नहीं किया और बार-बार धोखा दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी की वजह से ही दार्जिलिंग और पहाड़ी इलाकों में अविश्वास का माहौल और उथल-पुथल है।

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