Breaking News

IAS से इस्तीफा देकर यह चर्चित युवा, अब करेगा इस क्षेत्र मे काम?

नई दिल्ली,  महज 13 वर्ष की सर्विस के बाद आइएएस से इस्तीफा देकर इस प्रतिभाशाली युवा ने सबको चौंका दिया है। 2005 बैच के आइएएस और छत्तीस गढ़ मे रायपुर के कलेक्टर ओम प्रकाश चौधरी का इस्तीफा केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण ने मंजूर कर लिया है।

पक रही सामाजिक न्याय की खीर, उपेन्द्र कुशवाहा ने यादवों से दूध मांगकर, बीजेपी को दिया बड़ा झटका

समाजवादी पार्टी की ’सामाजिक न्याय एवं प्रजातंत्र बचाओं-देश बचाओं’ साइकिल यात्रा 27 अगस्त से शुरू

ओपी चौधरी ने स्वयं अपने इस्तीफे की घोषणा सोशल मीडिया के द्वारा की है. उन्होने अपने वर्तमान रायपुर के कलेक्टर के आफिस की फोटो शेयर करते हुये  फेसबुक पर लिखा है-

मेरे बायंग गांव की गलियों से निकलकर रायपुर के कलेक्टर बनने तक के 13 साल के सफर में जिंदगी ने मुझे अनेकों चुनौतीपूर्ण अवसर दिये. इस सफर में हजारों लोगों ने मुझे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से साथ दिया, उन्हें शुक्रिया अदा करने के लिये हिन्दी शब्दावली का कोई भी शब्द कम पड़ेगा. मैं अब अपनी माटी और अपने लोगों की बेहतरी के लिये अपना पूरा समय देना चाहता हुं. इसलिये मैंने IAS से त्यागपत्र दे दिया है. जय-हिंद, जय-छत्तीसगढ़…

जीत का एक दिन पहले कर दिया था, पवित्रा यादव ने एेलान, अब 28 अगस्त को होगा मुकाबला

चौंकाने वाली खबर, बिकेगा शोमैन राजकपूर का आर. के. स्टूडियो

चौधरी मूलत: रायगढ़ (छत्तीसगढ़) के खरसिया क्षेत्र के बयांग के रहने वाले हैं। चौधरी के पिता एक स्कूल टीचर थे। बचपन मे, 8 साल की उम्र में ही पिता का साया सिर से उठ गया ।  पिता के निधन के बाद, पांचवीं पास मां ने ठाना कि बेटे को बेहतर शिक्षा देकर बड़ा अधिकारी बनाना है और बेटे ने भी अपनी मेहनत और लगन से मां का सपना पूरा करने मे कोई कसर नही छोड़ी। वह मात्र 22 साल की उम्र मे  आईएएस बन गये। ओपी चौधरी, छत्तीसगढ़ मे काफी लोकप्रिय हैं। 2011-12 में बेहतर काम के लिए उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा एक्सीलेंस अवार्ड भी दिया गया था।

क्या ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है ? क्यों है एसा करना जरूरी?

मायावती का मास्टर-स्ट्रोक, कुछ यूं खिसका रहीं हैं बीजेपी की राजनैतिक जमीन

दंतेवाड़ा कलेक्टर रहते चौधरी ने जावंगा एजुकेशन सिटी की नींव रखी थी। इसने चौधरी को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है। नक्सल प्रभावित बच्चों के लिए प्रयास विद्यालय की शुरूआत भी चौधरी की सोच है।  इन्होंने, आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को विज्ञान की शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया । चौधरी ने जिले में लाइवलीहुड कॉलेज की भी शुरुआत की, जिसे बाद में पूरे प्रदेश में लागू किया गया।

आखिर क्यों अमर सिंह को बार-बार याद आती है समाजवादी पार्टी ?

आखिर छलक उठा मुलायम सिंह यादव के दिल का दर्द

सूत्रों के अनुसार, ओपी चौधरी अब राजनीति करेंगे। चौधरी ने इस्तीफे और राजनीति में आने की पृष्ठभूमि करीब आठ महीने पहले ही तैयार करनी शुरू कर दी थी। इस दौरान  वह कई बार खरसिया के दौरे पर गए। उनको मुख्यमंत्री रमन सिंह का काफी नजदीकी माना जाता है। इसलिए चर्चा है कि बीजेपी इन्हें खरसिया सीट से टिकट दे सकती है। वैसे खरसिया कांग्रेस का गढ़ है। फिलहाल खरसिया सीट पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नंद कुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल विधायक हैं।

मैं अपने जीवन के इस हिस्से…….को लेकर बहुत उत्साहित हूं-अभिनेत्री मौनी रॉय

अनिल अंबानी की कंपनी ने इस अखबार के खिलाफ ठोंका, 5000 करोड़ की मानहानि का मुकदमा

लोकसभा चुनावों के लिए राहुल गांधी ने बनाया कोर ग्रुप, देखिये किनको किया शामिल ?

जब मैंने उस व्यक्ति को मरते देखा, जिसने मेरे पिता को मारा तो….- राहुल गांधी

यौन शोषण के मामले में विश्व के निशाने पर आने के बाद, पोप आयरलैंड पहुंचे, उठाया ये कदम

सामाजिक न्याय की बड़ी लड़ाई को समाजवादी ही लड़ सकते हैं-अखिलेश यादव

भाजपा ने मौर्य-कुशवाहा समाज को ठगा, लोकसभा चुनाव मे अपमान का बदला लेंगे- प्रमोद चंद मौर्य

आजम खां को लगा बड़ा झटका…..