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बंद हो जाएगा आपका मोबाइल अगर आपने इसे किया नजरअंदाज….

नई दिल्ली,भारत बहुत तेजी से डिजिटल होते जा रहा है. इसमें सबसे अहम योगदान स्मार्टफोन का है. लेकिन क्या आपको मालूम है भारत में हर पांच में से एक मोबाइल या कंप्यूटर मैलवेयर वायरस का शिकार है  ये बात यूके बेस्ड टेक्नोलॉजी रिसर्च में सामने आई है. साइबर सिक्योरिटी के इस सर्वे में भारत 46वें नंबर पर रहा. इसमें चौथाई से भी ज्यादा इंडियन मोबाइल्स मैलवेयर (वायरस) से इन्फेक्टेड पाए गए. इस स्टडी में कुल जमा 60 देशों से मिले डाटा पर काम किया गया. इस रिसर्च के आंकड़े इंटरनेशनल टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन, साइबर सिक्योरिटी फर्म कासपिरेसी लैब में तैयार किए गए.

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इंटरनेट की दुनिया में मैलवेयर (वायरस) सबसे बड़ा खतरा हैं. मैलवेयर मोबाइल, कंप्यूटर या दूसरे डिवाइस में घुसकर आपकी व्यक्तिगत जानकारी में सेंधमारी करते हैं. ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी कंपनी पालो आल्टो की रिसर्च के मुताबिक, मैलवेयर गूगल क्रोम में सेव किए गए यूज़रनेम, पासवर्ड्स और क्रेडिट कार्ड की जानकारियां हैक कर सकता है. ये वायरस iOS यूज़र्स के लिए भी खतरा साबित हो रहा है, जिसके चलते यूज़र्स के मैक में बैकअप लेने पर आईफोन्स के टैक्स्ट मैसेज भी हैक किए जा रहे हैं.

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यह क्रोम में सेव पासवर्ड्स और मैक पर आईट्यून्स बैकअप्स लेने से आईफोन्स के टैक्स्ट मैसेज चुराता है. हैकर अगर सफल होते हैं तो वे शिकार के एक्सचेंज अकाउंट और वॉलेट पर पूरा नियंत्रण कर लेते हैं. शिकार के फंड का इस्तेमाल करने के अधिकारी हो जाते हैं क्योंकि वह खुद यूज़र बन चुके होते हैं. मैलवेयर सिस्टम पर कॉइनमाइनिंग सॉफ्टवेयर लोड करने के लिए सिस्टम को कंफीगर भी करता है. ऑथेंटिकेशन के समय वेब कुकीज का इस्तेमाल किया जाता है. जब कोई यूज़र किसी वेबसाइट में लॉग-इन करता है तो लॉग-इन स्टेटस जानने के लिए उसकी कुकीज वेब सर्वर के लिए स्टोर हो जाती है.

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यह वायरस Google Play MarketPlace के रूप में मोबाइल में भी आता है. बड़ी आसानी से सारे पर्सनल डिटेल्स चुरा लेता है. सिक्योरिटी एक्सपर्ट इस वायरस (मैलवेयर) को GPlayed नाम भी दे चुके है. जैसे ही यह मैलवेयर आपके मोबाइल में आएगा, इसका फुल कंट्रोल अटैकर के हाथ में हो जाएगा.

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यह वायरस अटैकर (जिस व्यक्ति ने आपके मोबाइल में वायरस भेजा है) को आपके स्मार्टफोन की गतिविधियों पर नजर रखने की इजाजत देता है. इस वायरस के जरिए अटैकर आपके फोन के कई फीचर को कंट्रोल कर सकता है.वह व्यक्ति मोबाइल से आपके बैंकिंग डिटेल्स और आपकी व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है.

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यह वायरस Google Play MarketPlace के नाम से यूजर को धोखा देता है. -इसका आइकन भी Google के ऐप्स से मिलता-जुलता है. GPlayed नाम वाले वायरस में बैंकिंग और स्पाइंग ट्रोजन है. अटैकर इसका इस्तेमाल आपके बैंक के डिटेल्स चुराने, SMS, कॉन्टैक्ट्स तक पहुंच बनाने में कर सकता है. GPlayed वायरस की मदद से इनमें से कई फीचर को कहीं दूर बैठकर भी कंट्रोल कर सकता है. अटैकर इस वायरस का इस्तेमाल आपके फोन को लॉक करने, डेटा मिटाने, कॉल करने या ऐप्स लॉन्च करने में भी कर सकते हैं.

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