अब आयकर विभाग की रेडार पर बिल्डर्स, किया गया देशभर में सर्वे

noteनई दिल्ली, ज्वैलर्स और हवाला ऑपरेटर्स को निशाना बनाने के बाद आयकर विभाग का अगला निशाना देशभर के वो बिल्डर्स है जिन्होंने नोटबंदी के बावजूद पुराने नोट लेकर डील की है। खुफिया रिपोर्ट में साफतौर पर इस बात के संकेत मिले हैं कि कुछ नामी बिल्डरों ने प्रोपर्टी सौदे में पुराने पांच सौ और हजार रूपये के नोट लिए हैं। आठ नवंबर के बाद लिए पैसे को बिल्डर्स अपने पास की नकदी बताने में लगे हुए हैं जिसे उन्होंने सरकार की तरफ से नोटबंद की ऐलान के बाद किए गए प्रोपर्टी सौदे में लिए हैं। यह सर्वे आयकर विभाग की तरफ से देशभर के अलग-अलग शहरों जैसे दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरू, मेरठ, इलाहाबाद, कोलकाता और मध्य प्रदेश के कुछ शहरों में बड़े बिल्डर और ब्रोकिंग हाऊस पर किया गया है।

ऐसे बिल्डरों के स्टॉक्स और नकदी की जांच की गई ताकि यह पता लगाया जा सके कि आठ नवंबर के बाद इन बिल्डरों ने नए सौदे कर कहीं पुराने नोट्स तो नहीं लिए हैं। नोटबंदी से पहले ज्यादातर बिल्डर्स फंड की कमी से जूझ रहे थे और अलग-अलग तरीके से पैसे जुटाने में लगे हुए थे ताकि समय से काफी पीछे चल रहे प्रोजेक्ट्स को पूरा किया जा सके और उसके खरीददारों को सौंपा जा सके। इसकी वजह से कई बार अदालतों की फटकार भी सुननी पड़ी और जुर्माने भी बिल्डरों पर लगाए गए। लेकिन, खुफिया सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक, आठ नवंबर को सरकार की तरफ से नोटबंद की ऐलान के बाद ऐसा बिल्डरों के पास अचानक काफी पैसे आ गए हैं।

Related Articles

Back to top button