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ओलम्पिक मेडल से बेटियों ने देश का सिर ऊंचा किया: मोदी

modनई दिल्ली,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सुबह 11 बजे रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 23वें संस्करण की शुरुआत हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को याद करके की। दरअसल सोमवार को हॉकी के जादूगर ध्यानचंद की जन्मतिथि है, यह दिन राष्ट्रीय खेल दिवस के रुप में मनाया जाता है। इसी को याद करते हुए मोदी ने मन की बात में कहा, मैं ध्यानचंद जी को श्रद्धांजलि देता हूं और इस अवसर पर आप सभी को उनके योगदान की याद भी दिलाना चाहता हूं। ध्यानचंद जी स्पोर्ट्समैन स्प्रिट और देशभक्ति की एक जीती-जागती मिसाल थे। मोदी ने कहा कि ध्यानचंद जी के सिर पर कोलकाता में मैच के दौरान एक खिलाड़ी ने हॉकी मार दी थी। उन्होंने आखिरी 10 मिनट में 3 गोल दागकर टीम को जीत दिला दी थी। उन्होंने इस पर कहा था कि मैंने चोट का बदला गोल से लिया। उन्होंने सर डोनाल्ड ब्रेडमैन के कमेंट का भी जिक्र किया। मोदी ने कहा, ओलम्पिक मेडल लाकर बेटियों ने देश का सिर ऊंचा किया। आज पुलेला गोपीचंद की चर्चा होती है। उन्होंने अच्छे शिक्षक की मिसाल कायम की है। मैं उन्हें खिलाड़ी से ज्यादा एक अच्छे शिक्षक के रूप में देखता हूं। सिखाने के उनके तरीके को सैल्यूट करता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा क्रिकेट के बाहर भी भारत के नागरिकों में और खेलों के प्रति इतना प्यार और जागरुकता है। मेरे लिए यह संदेश पढ़ना भी अपने आप में एक प्रेरणा का काम बन गया। एक शख्स ने लिखा है कि कृपया इस बार मन की बात में बेटियों की शिक्षा और खेलों में उनकी भागीदारी पर जरूर बोलिए। श्रीमान सचिन ने लिखा है कि इस बार सिंधु, साक्षी, दीपा हमें पदक बेटियों ने दिलाए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा बेटियां किसी भी तरह से किसी से भी कम नहीं हैं। इन बेटियों में से एक उत्तर भारत, एक दक्षिण भारत, एक पूर्व भारत से है। ऐसा लगता है कि पूरे देश की बेटियों ने भारत का सिर उठाने का बीड़ा ले लिया है। हमें खेलों में लंबा सफर तय करने की जरूरत है। माता-पिता आज भी एकेडमिक्स पर जोर देते हैं। खेल को समाज में आज भी वक्त की बर्बादी माना जाता है। उन्होंने मन की बात में कहा इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि हमारी आशा के अनुरूप हम प्रदर्शन नहीं कर पाए। खेलों में हम आगे नहीं पहुंच पाए। पदक न मिलने के बावजूद जरा गौर से देखें तो पाएंगे तो कई विषयों में भारत के खिलाड़ियों ने अच्छा काम किया है। मोदी ने कहा शूटिंग में अभिनव बिंद्राजी चौथे स्थान पर रहे। दीपा कर्माकर भी कुछ ही प्वाइंट में मेडल से चूक गईं। लेकिन जिमनास्टिक में ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली बेटी हैं। सानिया-बोपन्ना भी अच्छा खेले। 32 साल में पहली बार ललिता बाबर ने ट्रैक एंड फील्ड फाइनल्स में भारत को एंट्री दिलाई। इसके साथ ही मन की बात में मोदी महिला हॉकी की तरीफ करते हुए कहा 36 साल बाद महिला हॉकी टीम ओलम्पिक तक पहुंची। मैन्स हॉकी में भी ऐसा ही हुआ। हमारी टीम काफी मजबूत है। मजेदार बात यह है कि गोल्ड जीतने वाली अर्जेंटीना एक ही मैच हारी, हराने वाले भारत के खिलाड़ी थे। बॉक्सिंग में विकास यादव क्वार्टर फाइनल में पहुंचे। अदिति अशोक, दत्तू भोकानल, अतनु दास का प्रदर्शन अच्छा रहा। मोदी ने कहा हमें बहुत कुछ करना है। मैंने एक कमेटी की घोषणा की है। भारत सरकार इसकी गहराई में जाएगी। दुनिया में कैसे प्रैक्टिस हो रही है। इसका अध्ययन करेगी। 2020, 2024, 2028 की सोच के साथ योजना बनाएंगे। राज्य सरकारों से भी आग्रह करता हूं कि आप भी ऐसी कमेटियां बनाएं। हम क्या कर सकते हैं, ये देखें। राज्य पसंद करे तो क्या ताकत दिखा जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 4 सितंबर को मदर टेरेसा को संत की उपाधि से विभूषित किया जाएगा। मदर टेरेसा ने अपना पूरा जीवन गरीबों की सेवा के लिए लगा दिया था। उन्हें संत घोषित किए जाने पर भारत को गर्व है। इस मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल भेजा जाएगा। प्रधानमंत्री ने मिसाल देते हुए कहा कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस है। पहले मैं एक स्टूडेंट के तौर पर शिक्षकों के साथ काफी समय बिताता था। शिक्षक का स्थान मां के बराबर है। इस दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस है। वे राष्ट्रपति बनने के बाद भी शिक्षक के तौर पर काम करते रहे। कहते थे कि एक अच्छा शिक्षक वही है जिसके अंदर का स्टूडेंट कभी मरता नहीं। मोदी ने कहा आज भी हर महीने मेरे शिक्षक की एक चिट्ठी आती है। वे 90 साल के हैं। महीने भर में मैंने क्या किया। मैंने ठीक किया या नहीं किया। जैसे क्लास में पढ़ाते थे, वैसे ही आज वे मुझे एक तरह का करसपॉन्डेंस कोर्स करा रहे हैं। मेरे अक्षर खराब हैं लेकिन मेरे शिक्षक 90 साल की उम्र में सुंदर हैंडराइटिंग में लिखते हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री कश्मीर मुद्दे पर मन की बात में कहा, कश्मीर के संबंध में मेरी सभी दलों से जितनी बात हुई, हर किसी की बात में से एक बात जरूर जागृत होती थी। कश्मीर में किसी की भी जान जाने पर दुख होता है। जो लोग बच्चों को सहारा लेकर उकसावे का काम कर रहे हैं जवाब उन्हें भी देना होगा कि हम एकता को बल देने वाली बातों को ज्यादा ताकत दें, ज्यादा उजागर करें और तभी देश अपना उज्ज्वल भविष्य बना सकता है, और बनेगा। इसके साथ ही मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कोलकाता में एक नए कार्यक्रम आकाशवाणी मैत्री चैनल की शुरुआत का जिक्र किया। यह सामान्य रेडियो चैनल नहीं, बल्कि बेहद अहम कदम है। बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल का सांस्कृतिक जुड़ाव रहा है। वहीं स्वच्छ भारत अभियान पर मोदी ने कहा कि इस अभियान से हर कोई किसी न किसी रूप में जुड़ा है। भारत सरकार ने लोगों से एक-दो मिनट की स्वच्छता पर फिल्म मांगी है। 2 अक्टूबर को विजयी को इनाम दिया जाएगा। टीवी चैनल वालों को भी इस मुहिम में आगे आना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सभी दलों ने मिल कर के जीएसटी का कानून पारित किया। इसका क्रेडिट सभी दलों को जाता है। एकता की ताकत क्या होती है, साथ मिल कर के चलें, तो कितना बड़ा परिणाम मिल सकता है? ये इस वर्ष का अगस्त महीना याद रहेगा।

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