प्रसार भारती में हस्तक्षेप करने की सरकार की मंशा नहींः केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री

prasar bharatiनई दिल्ली,  केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने स्पष्ट किया कि सरकार की मंशा प्रसार भारती के कामकाज में हस्तक्षेप करने की कतई नहीं है। सार्वजनिक प्रसारक के सीईओ जवाहर सरकार द्वारा हस्तक्षेप से परेशान होकर फरवरी में कार्यकाल पूरा होने से पहले पद छोड़ने को लेकर मीडिया में आयी खबरों के बीच केन्द्रीय मंत्री ने यह बात कही। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इन खबरों को गलत और आधारहीन बताकर उन्हें खारिज किया।

मंत्रालय के सूत्र ने कहा, प्रसार भारती के सीईओ को बदलने और कथित सरकारी हस्तक्षेप के कारण निवर्तमान सीईओ सरकार के नाराज होने संबंधी खबरें पूरी तरह आधारहीन, गलत और महज अटकलें हैं। सूत्र ने कहा, फिलहाल सीईओ का पद रिक्त नहीं है, और वर्तमान (पदाधिकारी) फरवरी, 2017 में सेवानिवृत होंगे। मीडिया में आयी सभी खबरें महज अटकलें हैं और उचित नहीं हैं। नए सीईओ की नियुक्ति प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है, संभावित उत्तराधिकारी के नाम की बात तो दूर है। सरकार ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह पद छोड़ने पर विचार कर रहे हैं और विकल्पों के बारे में गंभीरता से सोच रहे हैं। उन्होंने कहा था, मैंने इस विकल्प पर गंभीरता से विचार किया है और अकसर ऐसा कहा है.. मैं थक गया हूं और जाना चाहता हूं। मैंने अकसर ऐसा कहा है। हालांकि, मैं पारदर्शिता का अंतिम चरण पूरा होने तक भाग नहीं सकता। प्रसार भारती का भविष्य सुनिश्चित करना है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, केन्द्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने यह बात एक बैठक में कहीं जहां उन्होंने प्रसार भारती के समक्ष मौजूद मुद्दों तथा चुनौतियों पर विस्तृत प्रजेंटेशन लिया। उन्होंने कहा कि सरकार प्रसार भारती के बेहतर कामकाज के लिए उचित वातावरण तैयार करेगी। आधिकारिक सूत्र के अनुसार, मंत्री ने कहा कि सरकार प्रसार भारती के बोर्ड का बहुत सम्मान करती है और निकाय के कामकाज में हस्तक्षेप की उसकी कोई मंशा नहीं है। इसके विपरित वह प्रसार भारती के बेहतर कामकाज के लिए उचित वातावरण तैयार करेगी। नायडू ने प्रसार भारती को आश्वासन दिया कि विभिन्न अवरोधों को पार करने के उसके प्रयासों का सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय उचित समर्थन करेगा। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, प्रसार भारती के अध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश, सीईओ जवाहर सरकार और सार्वजनिक प्रसारक को चलाने वाले बोर्ड के सदस्यों ने भी इस 90 मिनट लंबे प्रेजेंटेशन में हिस्सा लिया। ऐसी सूचना है कि प्रेजेंटेशन खत्म किए जाने के बाद नायडू ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा प्रसार भारती के अधिकारियों से कहा कि वे प्रसार भारती अधिनियम के प्रावधानों के तहत कामकाजी लोगों तथा संसाधनों की कमी को जल्दी दूर करें। नायडू ने दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रसारित सामग्री में सुधार की जरूरत पर भी जोर दिया।

Related Articles

Back to top button