नई दिल्ली, देश में आए दिन लगातार ट्रेन दुर्घटनाओं को लेकर रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने जोनल हेड और बोर्ड सदस्यों के प्रति गहरा रोष व्यक्त किया है। रेल मंत्री ने सख्त लहजे में उनसे कहा कि वे या तो इसके लिए कड़े कदम उठायें या फिर जिम्मेदारी लेना छोड़ दें। रेलमंत्री ने इस तरह की दुर्घटनाओं के तकनीकी समाधान के लिए जापान और कोरिया से मदद मांगी है। रेलवे बोर्ड के द्वारा दिनभर चली इस मैराथन बैठक में ये फैसला लिया गया कि सभी ट्रेनों में कम से कम एक ऐसा अधिकारी होना चाहिए जो अगले 10 दिनों तक रात के समय सुरक्षा तंत्र में कमियों के निरीक्षण के लिए लोकोमोटिव पर यात्रा करेंगे।
रेलमंत्री प्रभु ने इन दुर्घटनाओं को लेकर रेलवे महाप्रबंधकों, सुरक्षा विशेषज्ञों और रेलवे पीएसयु के साथ बैठक कर इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने इसके लिए अल्पकालिक और मध्यावधि कार्य योजना की मांग भी की। इस बैठक में रंल मंत्री प्रभु ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के द्वारा विभिन्न जोनों के महाप्रबंधकों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर वे प्रबंधन करने में सक्षम नहीं हैं तो उन्हें जिम्मेदारी लेनी छोड़ देनी चाहिए। आपको बता दें कि बुधवार को सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस ट्रेन के कानपुर के पास 15 डिब्बों के बेपटरी होने की घटना में कम से कम 62 यात्री घायल हो गए थे। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कल्याण और विट्ठलवादी स्टेशनों के बीच गुरुवार सुबह कुर्ला-अंबरनाथ लोकल ट्रेन के पांच डिब्बे पटरी से उतर गए थे। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मंत्री ने जापान और कोरिया के तकनीकी विशेषज्ञों से भारत आने का अनुरोध किया है ताकि वे यहां आकर इस प्रकार की हो रही घटनाओं का निरीक्षण करें और इसका समाधान सुझायें। चूंकि जापान और कोरिया रेलवे सुरक्षा के मामलों में काफी आगे है दूसरी तरफ भारत का इन देशों के साथ इस मामले में सहयोग के लिए समझौता भी है।