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राजधानी में जुटेंगे 19 देशों के वैज्ञानिक

scientistलखनऊ, राजधानी में कल से छठवीं इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन पर्सपेक्टिव इन वाइब्रेशनल स्पेक्ट्रोस्कोपी का आयोजन होगा। चार दिनों तक चलने वाले इस कॉन्फ्रेंस में भारत के अलावा 19 देशों के नामी स्पेक्ट्रोस्कोपिस्ट व युवा वैज्ञानिक अपने विचार रखेंगे। इस कॉन्फ्रेंस की जिम्मेदारी लखनऊ विश्वविद्यालय को सौंपी गई है। कुलपति प्रो. एसबी निमसे और कॉन्फें्रस की कन्वीनर प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि इस इंटरडिसिप्लिनरी कॉन्फ्रेंस में स्पेक्ट्रोस्कोपी की विभिन्न तकनीक, बायोमेडिकल, बायोलॉजिकल, नैनोमैटीरियल, इनऑर्गेनिक मैटीरियल्स, पॉलिमर्स, लिक्विड क्रिस्टल सहित अन्य जगह इस्तेमाल आदि पर शोध पत्र पढने के बाद चर्चा की जाएगी। नई स्पेक्ट्रोस्कोपिक प्रक्रिया, थ्योरी और कम्प्युटेशनल मॉडल्स पर भी चर्चा होगी। कॉन्फ्रेंस फैजाबाद रोड स्थित एक रिजॉर्ट में होगी, जिसमें 250 प्रतिभागी शामिल होंगे।

मैटर और इलेक्ट्रोमैग्रेट रेडिएशन के बीच होने वाले इंटरेक्शन को स्पेक्ट्रोस्कोपी कहा जाता है। इसकी वेव लेंथ मैटर के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। इसके इंटरेक्शन को जानने के लिए स्पेक्ट्रोमीटर नामक मशीनों की मदद ली जाती है। प्रो. पूनम ने बताया कि सीवी रमन को इसी क्षेत्र में काम करने के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। रमन प्रभाव की 100वीं वर्षगांठ पर एलयू को इस आयोजन की जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक कैंसर का पता लगाने से लेकर फूड सेफ्टी, एस्ट्रो फिजिक्स तक सभी जगह इस्तेमाल होती है। मंगलायन अभियान में भी मैटीरियल का पता लगाने के लिए स्पेक्ट्रोमीटर का इस्तेमाल किया गया था। केमिस्ट्री के क्षेत्र में न्यूक्लियर मैग्रेट रेजोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी मशीन से कंपाउंड के रिएक्शन समझा जाता है। हाल ही में एलयू के केमिस्ट्री विभाग ने यह मशीन लगवाई है।

कॉफ्रेंस में भारत सहित फ्रांस, यूएसए, जापान, यूके, आयरलैंड, बुलगारिया, नार्वे, स्पेन, जर्मनी, स्वीडन, पुर्तगाल, इटली, ब्राजील, कनाडा, नेपाल, नीदरलैंड और चाइना से रिसर्च स्कॉलर व स्पेक्ट्रोस्कोपिस्ट भाग लेंगे। इसके अतिरिक्त भारत के आईआईटी, एनआईटी, आईआईएससी, आईआईएसईआर, सीएसआईआर की विभिन्न लैब, डीआरडीओ की लैब, इसरो सहित सरकारी और निजी कॉलेजों से भी प्रतिभागी भाग लेंगे। इन्हें मिलेगा पुरस्कार : कॉन्फ्रेंस के दौरान 114 युवा वैज्ञानिक पोस्टर प्रेजेंटेशन, 33 युवा वैज्ञानिक ओरल प्रेजेंटेशन और बीस टॉक में भाग लेंगे। युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहन देने के लिए बेस्ट पोस्टर व ओरल प्रेजेंटेशन के लिए तीन-तीन प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। इसके अलावा कई और वैज्ञानिक पुरस्कृत किए जाएंगे।

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