Breaking News

वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में से 75 % भारत में – डब्ल्यूएचओ

air_1452105354नई दिल्ली,  दक्षिण पूर्वी एशियाई क्षेत्र में वायु प्रदूषण से प्रतिवर्ष करीब आठ लाख लोगों की मौत हो रही है जिसमें से 75 प्रतिशत से अधिक मौतें हृदय रोगों और फेफड़े के कैंसर के चलते अकेले भारत में होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक नई रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया कि विश्व में 10 व्यक्तियों में से नौ खराब गुणवत्ता की हवा में सांस ले रहे हैं जबकि वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में से 90 प्रतिशत मौतें निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में होती हैं। वहीं तीन मौतों में से दो मौतें भारत एवं पश्चिमी प्रशांत क्षेत्रों सहित डब्ल्यूएचओ के दक्षिणपूर्वी एशिया में होती हैं। डब्ल्यूएचओ के जनस्वास्थ्य एवं पर्यावरण विभाग प्रमुख मारिया नीएरा ने कहा, यह जनस्वास्थ्य के लिहाज से आपात स्थिति है। रिपोर्ट में इसके साथ ही परिवहन के अक्षम साधनों, घरों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन और कूड़ा जलाने, कोयला आधारित बिजली संयंत्रों और औद्योगिक गतिविधियों के खिलाफ कदम मजबूत करने का आह्वान किया जो कि वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में हैं। इसमें कहा गया कि 94 प्रतिशत मौतें गैर संचारी बीमारियों से होती हैं जिसमें मुख्य तौर पर हृदय रोग, फेफड़े के रोग, फेफड़े का कैंसर शामिल हैं। वायु प्रदूषण श्वसन संक्रमण का खतरा बढ़ाता है। डब्ल्यूएचओ दक्षिणपूर्वी एशियाई क्षेत्र के बयान में कहा गया, वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए विश्व का सबसे बड़ा पर्यावरणीय खतरा है और इसका समाधान प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए क्योंकि इसका बढ़ना जारी है जिससे दीर्घकालिक बीमारी होती है और डब्ल्यूएचओ दक्षिणपूर्वी एशियाई क्षेत्र में करीब 799000 मौतें प्रतिवर्ष होती हैं। डब्ल्यूएचओ दक्षिणपूर्वी एशियाई क्षेत्र ने डब्ल्यूएचओ की परिवेशी वायु प्रदूषण रिपोर्ट.2016 को उद्धृत करते हुए कहा कि भारत में 621138 लोगों की मौत एक्यूट लोअर रेसपीरेटरी इंफेक्शन, क्रॉनिक आब्सट्रक्टिव पलमोनरी डिसार्डर, इस्केमिक हर्ट डीजीज और फेफड़े के कैंसर से हुई। यद्यपि भारत का यह आंकड़ा 2012 का है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *