शिक्षकों और प्रोफेसरों को मंत्रियों का निजी सचिव बनाने पर सुप्रीम कोर्ट खफा

supreme-courtनई दिल्ली, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में शिक्षकों और प्रोफेसरों को प्रतिनियुक्ति पर विधायकों और मंत्रियों का निजी सचिव (पीएस) रखने की आदत पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है। अदालत ने 30 से अधिक शिक्षकों को तत्काल उनके शिक्षण कार्य में लौटने का निर्देश दिया है। जस्टिस दीपक मिश्र और सी नागप्पन की पीठ ने बुधवार को कहा, हम संवैधानिक संकट नहीं खड़ा करने जा रहे हैं। हमें कृपालु और मानवीय होने के लिए संवैधानिक शक्ति मिली है, लेकिन हम कोई भी ऐसा काम जारी नहीं रह सकते, जिसकी कानून में इजाजत न हो।यह कहते हुए पीठ ने 30 से अधिक शिक्षकों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य सरकार के 30 अगस्त, 2016 के आदेश पर स्थगनादेश देने की मांग की गई थी। आदेश में शिक्षकों को वापस अपनी ड्यूटी (शिक्षण कार्य) पर जाने को कहा गया था। शिक्षकों ने वर्तमान शैक्षणिक सत्र तक अपनी प्रतिनियुक्ति बनाए रखने की इसलिए मांग की थी, क्योंकि वापस मूल कैडर में जाने पर उनके बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होगा। इस पर पीठ ने राज्य सरकार को शिक्षकों के बच्चों का स्कूलों में प्रवेश सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button